सावधान: कुल्हड़ की चाय और लस्सी कही आपके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न कर बैठे

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देहरादून:

उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक व्यक्ति द्वारा शिकायत मिलने पर किया चालान, खाद्य सुरक्षा विभाग पर उठा बड़ा सवाल आखिर खुद से क्यों नहीं मिलती विभाग को ऐसी जानकारी ? नाकामी की कहानी को कार्रवाई की लीपापोती में जुटा खाद्य सुरक्षा विभाग ।

देहरादून: मिट्टी के कुल्हड़ में लोग हाइजेनिक मानकर चाय, काफी, लस्सी, मांगो शेक आदि का स्वाद लेते हैैं। परन्तु देहरादून शहर में एक रेस्टोरेंट में इस्तेमाल किए गए कुल्हड़ फेंकने के बजाए धोकर दोबारा ग्राहक के हाथ मे थाम दिए जाते थे। जब एक ग्रहक की शिकायत मिलने पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने रेस्टोरेंट में छापेमारी की जिसके बाद टीम को चौकाने वाला मंजर देखने को मिला ।  तो विभागीय टीम ने रेस्टोरेंट संचालक का चालान किया है। साथ ही सात दिन के भीतर जवाब तलब किया है। जवाब से संतुष्ट ना होने पर विभाग रेस्टोरेंट का लाइसेंस निरस्त कर सकता है। दरअसल, खाद्य सुरक्षा विभाग को यह शिकायत मिल रही थी कि पलटन बाजार स्थित 31 फ्लेवर्स में ग्राहकों को इस्तेमाल किए गए कुल्हड़ धोकर इसमें लस्सी परोसी जा रही है। जिस पर टीम ने उपायुक्त राजेंद्र रावत व वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह की अगुआई में रेस्टोरेंट में छापेमारी की। जांच करने पर टीम को यहां धुले हुए कुल्हड़ मिले। जिस पर मौके पर ही रेस्टोरेंट संचालक का चालान किया गया। उसका लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है। वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह ने बताया कि खाद्य कारोबारी को स्वच्छता का पूरा ख्याल रखना चाहिए। हाइजीन को लेकर विभाग गंभीर है। कोरोनाकाल में स्वच्छता में कमी के और भी गंभीर परिणाम हो सकते हैैं। किसी उपभोक्ता को कहीं भी ऐसी कोई कमी दिखती है, तो वह विभाग से इसकी शिकायत कर सकता है।

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