देहरादून :
प्रमोद कपूर की नई किताब “1946 लास्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस रॉयल इंडियन नेवी म्यूटिनी” भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अंतिम क्षणों के ऐतिहासिक पड़ाव को तथ्यों के साथ खूबसूरती से पेश करती है। रॉयल इंडियन नेवी के विद्रोह के 75 वर्ष पूर्ण होने पर 25 फरवरी को इस पुस्तक का विमोचन किया गया था।
डॉ. संजीव चोपड़ा IAS (सेवानिवृत्त), पूर्व निदेशक लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, द्वारा पुस्तक के लेखक प्रमोद कपूर के साथ किताब के लेखन और ऐतिहासिक सन्दर्भ से संबंधित चर्चा की गई । पुस्तक के हर पहलू को मध्य नजर रखते हुए हर बिंदुओं पर सभी बुद्धिजीवियों ने अपने विचार रखे व लेखक प्रमोद कपूर से पुस्तक के विषय मे कई सवाल भी रखे गए । जिसका जवाब बहुत ही सादगी से देते हुए प्रमोद कपूर ने पुस्तक के हर एक शब्द और पहलू को स्पष्ट किया। इस चर्चा में देहरादून स्थिति के सरकारी व गैर सरकारी विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर भी शामिल हुए । इस सत्र की अध्यक्षता वसन्त लक्ष्मण कोप्पिकर (सेवानिवृत्त) PVSM, AVSM द्वारा की गई ।
पुस्तक का लोकार्पण ‘वैली ऑफ वर्ड्स लिटरेचर फेस्टिवल ’ के बैनर तले किया गया , जिसका छठा संस्करण आगामी नवम्बर में आयोजित होना है।
पुस्तक की विशेषतायें :
शीर्षक – 1946 रॉयल इंडियन नेवी म्यूटिनी: लास्ट वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस
लेखक – प्रमोद कपूर
पृष्ठ – 376
आकार – 8.5×5.5in
ISBN – 978-93-92130-27-4
शीघ्र ही इस पुस्तक को भारथी पुथाकालयम द्वारा तमिल में और लाइटस्टोन पब्लिशर्स द्वारा पाकिस्तान में प्रकाशित किया जाएगा।
“प्रमोद कपूर के उत्कृष्ट शोध ने रोमांचक और गम्भीर रूप से महत्वपूर्ण, लेकिन आंशिक तौर से भुला दी गई कहानी पर महत्वपूर्ण प्रकाश डाला है।”