देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर काफी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में CBSC बोर्ड परीक्षाओं को लेकर फिर सवाल खड़ा होने लगा है। 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्र और शिक्षक तनाव में गुजर रहे हैं। सामान्य तौर पर जनवरी माह में छात्र प्रश्न बैंक, प्रीलिम्स या मॉक टेस्ट से तैयारी करते हैं। इस साल स्टूडेंट्स इनमें से कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं।
उपलब्ध प्रश्न बैंक भी वही है, जो पिछले साल एससीआईआरटी द्वारा अपलोड किया गया था। जहां 2021 में बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी गईं। छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के फॉर्मूले पर अंक दिए गए। वहीं इस साल राज्य बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि एग्जाम ऑफलाइन आयोजित की जाएंगी। हालांकि स्कूल यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि छात्र अधिक से अधिक मॉक टेस्ट ऑनलाइन हल करें ।इस बीच, कोविड -19 मामलों में वृद्धि के बीच सीबीएसई, आईसीएसई के साथ ही राज्य बोर्डों से परीक्षाओं को रद्द करने की मांग तेजी हो रही है। सीबीएसई, सीआईएससीई ने अभी तक टर्म 2 परीक्षाओं के कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है। सीबीएसई ने अपने पहले के बयान में कहा था कि टर्म 2 की परीक्षा तभी आयोजित की जाएगी जब कोविड – 19 की स्थिति बेहतर हो जाएगी।देश भर में कोरोना महामारी ने एक बार फिर हालात बदतर कर कर दिए हैं। देश की राजधानी दिल्ली, मुंबई समेत अन्य राज्यों में कोविड-19 संक्रमण के केसेज लगातार बढ़ रहे हैं।
वहीं पिछले अगर 24 घंटे के आंकड़े देखें तो देश में कोरोना के 2 लाख 58 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं।स्टूडेंट्स इस संबंध में सोशल मीडिया पर लगतार आवाज उठा रहे हैं। इसमें अमन द्धिवेदी नाम के यूजर ने कहा है कि, सरकार को छात्रों के जीवन पर जोखिम नहीं लेना चाहिए और बोर्ड परीक्षा रद्द करनी चाहिए। उन्होंने पहले ही टर्म-1 की परीक्षा दी है, इसलिए मुझे नहीं लगता कि यह हमारे जीवन से ज्यादा जरूरी है।
वहीं सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “अगर स्थिति और खराब होती है, तो ही परीक्षा का दूसरा सत्र आयोजित नहीं किया जाएगा। पहले चरण में प्राप्त अंकों को अंतिम माना जाएगा और उनके आधार पर परिणाम तैयार किए जाएंगे।लेकिन यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती है तो सेकेंड टर्म की परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की जाती हैं, तो अंतिम परिणाम इन परीक्षाओं के 50-50 प्रतिशत अंकों के आधार पर तय किया जाएगा।