BiG BreakinG: रूस और यूक्रेन की जंग में अमेरिका को अरबों डॉलर की कमाई जिसमें चीन भी शामिल

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नई दिल्ली 

रूस के यूक्रेन के साथ युद्ध का आज 17 दिन चल रहा है और दोनों ही देशों की तरफ से भारी हमले एक दूसरे पर जारी है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की इस युद्ध को लेकर विश्व भर में कड़ी निंदा हो रही है। ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि इस जंग में अमेरिका को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है।  अब विश्व में यह आशंका जताई जा रही है कि रूस का साम्राज्य फिर से एक बार और फैल सकता है।  वहीं तीसरे विश्व युद्ध के भड़कने की भी संभावनाएं जताई जा रही हैं। इस सब के बीच एक नई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है कि इस जंग में अमेरिका की लाटरी निकल गई है । अमेरिका की रक्षा कंपनियां अब हथियारों की अपूर्ति यूक्रेन को अरबों डॉलर में कर रही है तो वही चीन की भी बल्ले-बल्ले होते नज़र आ रही है।

एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार रूस और यूक्रेन के युद्ध से रक्षा के क्षेत्र में अब बड़े पैमाने पर काफी पैसा खर्च होना शुरू हो गया है। यूरोपीय यूनियन ने ऐलान किया है कि वह 45 करोड़ यूरो के आधुनिक हथियार खरीदेगा जो यूक्रेन को सौंप दिया जाएगा।  वहीं अमेरिका ने कहा है कि 35 करोड़ डॉलर के सभी सैन्य सहायता भी यूक्रेन को दी जाएगी।

अमेरिका ने इससे पहले भी 35 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता यूक्रेन को अपनी तरफ से दी थी। जिसको मिलाकर अनुमान लगाया जाए तो अमेरिका और नाटो देश 17000 एंटी टैंक हथियार और 2000 स्टिंगर एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें भी यूक्रेन को भेज रहा है। 

रूस और यूक्रेन के युद्ध में चीन की भी लॉटरी लगती हुई नज़र आ रही है । रूस को इस हमले से लगे झटके को पश्चिमी देशों के प्रतिबंध की वजह से रूस का रक्षा उद्योग भारी नुकसान को झेल रहा है।  रूस से भारत काफी समय से अपने हथियारों को कम मात्रा में खरीद रहा है। अमेरिका भी भारत पर अपना दबदबा बना रहा है कि रूस के हथियारों की खरीद को भारत और कम करें। ऐसे में रूस के लिए अब हथियारों के लिए बाजार तलाशना बहुत मुश्किल हो गया है। रूसी हथियारों की कमी से अब हथियार बाजार में अमेरिका और पश्चिमी देशों का दबदबा काफी बड़ा है। यही नहीं अब रूस को अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण चीन के साथ अपना हाथ मिलाकर अपना पार्टनर बनाने की तैयारी की जा रही है।

 

इसके अलावा चीन खाड़ी देशों में अपने हथियारों की बिक्री को बढ़ा सकता है। हाल ही में चीन को यूएई से एक बड़ा हथियारों का कॉन्ट्रैक्ट मिला है । बात कुल मिलाकर ये है कि इस जंग से जहां यूक्रेन और रूस तबाही के मोड़ पर खड़े हैं। वहीं पश्चिमी देशों और चीन की भारी मात्रा में लॉटरी लगना तय है। 

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