चीन की दुःखद घड़ी में काम आया भारत, भारतीय नौसेना ने ऐसे की चीन की सहायता

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भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर में अपने चालक दल के साथ 39 सदस्यों के साथ हिन्द महासागर में डूबे चीनी जहाज की तलाश व बचाव में मदद करने के लिए अपने एक P-81 समुद्री गश्ती विमान को सहायता के लिए भेजा है। भारतीय नौसेना के हवाले से बताया गया है कि बीते बुधवार (17 मई) को खराब मौसम के चलते P-81 हवाई विमान ने सघन तलाश अभियान चलाए रखा और कई ऐसे पार्ट्स का पता लगाया जो कि संभवत चीन के डूबे हुए जहाज का हो सकता है।

भारतीय नौसेना के हवाले से पता चला है कि 17 मई बुधवार को चीन का मात्स्यिकी जहाज लू-पेंग-युआन 028 पानी के जहाज के हिन्द महासागर में डूबने की खबर मिलने के साथ ही हरकत में आई भारतीय नौसेना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए करीब 900 समुद्री मील दूर दक्षिणी के हिंद महासागर में अपने टोही विमान को खोज- बीन में लगा दिया हैं। डूबे हुए चीनी जहाज के चालक दल के सभी सदस्यों में चीन, फिलीपीन व इंडोनेशिया के नागरिक शामिल हैं।

भारतीय नौसेना ने कहा कि पीएलए के अनुरोध पर भारतीय नौसेना ने तुरंत अपने कर्तव्य का पालन करते हुए खोज-बीन उपकरण को घटना स्थल पर तैनात किया। भारतीय नौसेना की इकाइयों ने इस क्षेत्र में अन्य इकाइयों के साथ मिलकर तलाश व राहत कार्यों में तालमेल स्थापित कर, हिन्द महासगार के घटनास्थल पर पीएलए नौसेना के जंगी जहाजों का मार्ग दर्शन किया। साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने भी सहायता दी है।

भारत के पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ चल रहे गतिरोध के चलते भारतीय नौसेना ने चीन की मदद की है। नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि खोज और बचाव के प्रयासों में भारतीय नौसेना हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैनात है। ऑस्ट्रेलिया भी अपनी ओर से खोज और बचाव प्रयासों में पूर्ण मदद दे रहा है। वहीं चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बीजिंग में कहा कि चीन को उम्मीद है कि पड़ोसी देश हमारे साथ संयुक्त खोज- बीन व बचाव कार्य जारी रखेगा। साथ ही हादसे के शिकार हुए लोगों की जान बचाने में पूरी तरह से हमारी सहायता करेगा।

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