विशेष वीडियो रिपोर्ट : एक बार फिर भारत का सबसे बड़ा भूस्खलन क्षेत्र सिरोबगड़ हुआ एक्टिव बदरीनाथ हाइवे बंद, यात्रा मार्ग किया डाइवर्ट लगा लंबा जाम

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रुद्रप्रयाग / सिरोबगड़: 

उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में लगातार हो रही बारिश के कारण बद्रीनाथ हाईवे पर सिरोबगड़ डेंजर जोन एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। सिरोबगड़ का इतिहास अगर हम देखे तो ये बदरीनाथ हाइवे का बहुत पुराना और देश का सबसे खतरनाक भूस्खलन ( landslide zone ) क्षेत्र है। यहां पर हर वर्ष कभी भी किसी भी मौसम में पहाड़ी से मलबा आता रहता है जिस कारण हाइवे बंद हो जाता है । हम बात करे तो इसमें BRO ( Border Roads Organisation) जैसी ऑर्गनाइजेशन भी इस जगह को ठीक नहीं कर पाई और अब देश की हाइवे कंपनियों का भी इस पर कोई बस नहीं चला है। सिरोबगड़ का ये भूस्खलन क्षेत्र एक बार फिर से सक्रिय हो गया है जिससे लगतार मलबा आने से बदरीनाथ हाइवे बंद होने से यात्रियों को पिछले 48 घंटे से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वही जिला प्रशासन और हाइवे अथॉरिटी भी पूरी सतर्कता के साथ काम पर जुटी हुई है और यात्रा मार्ग को डाइवर्ट कर यात्रियों के वाहनों को शुरक्षित अन्य मार्गो से निकाल जा रहा है। 

डाइवर्ट मार्ग : 

जिससे बदरीनाथ हाइवे के बंद होने से यात्रियों के वाह नों की आवाजाही नहीं हो पा रही है, जबकि हल्के वाहनों की आवाजाही डुंगरीपंथ-खांखरा मोटरमार्ग से की जा रही है। भारी वाहनों की आवाजाही नहीं होने से रुद्रप्रयाग एवं चमोली जिले में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। यहां पहाड़ी से लगातार पत्थर और मलबा गिर रहा है।

देखें वीडियो रुद्रप्रयाग सिरोबगड़ बदरीनाथ हाइवे जहा पर लगातार पहाड़ी से मलबा आ रहा है: 

लगातार बारिश के कारण बद्रीनाथ हाईवे पर भूस्खलन का सिलसिला जारी है। बारिश और भूस्खलन के कारण बद्रीनाथ हाईवे दो दिनों से रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर सिरोबगड़ में बंद है। यहां पर पहाड़ी से लगातार बोल्डर और मलबा गिर रहा है। जिस कारण हाईवे को खोलने में दिक्कतें आ रही हैं। फिलहाल हल्के वाहनों को डुंगरीपंथ-खांखरा वैकल्पिक मार्ग से भेजा जा रहा है, जबकि भारी वाहन राजमार्ग के दोनों ओर फंसे हुए हैं। इनमें यात्रियों की बसे भी फंसे हुई हैं, जो राजमार्ग के खुलने का इंतजार कर रही हैं। राजमार्ग के दो दिनों से बंद होने के कारण रुद्रप्रयाग एवं चमोली जनपद में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी ठप पड़ गई है। पिछले एक दशक से सिरोबगड़ डेंजर जोन का स्थाई ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है। इसके ठीक सामने आल वेदर परियोजना के तहत पपड़ासू बाईपास का निर्माण कार्य चल रहा है, जो तीन साल से जारी है। बाईपास निर्माण में तीन पुलों का भी निर्माण होना है, जिनमें एक पुल का आधा काम हुआ है, जबकि दो पुलों की सिर्फ नींव ही रखी गई है। बाईपास का निर्माण धीमी गति से चल रहा है। अगर यह कार्य जल्द पूरा किया जाए तो सिरोबगड़ का स्थायी समाधान हो जायेगा, लेकिन लगता नहीं कि यह कार्य अभी तीन से चार सालों के भीतर हो पायेगा।  मलबा साफ करने में करोड़ों रूपए खर्च किये जा रहे हैं।

वहीं भारी बारिश के चलते दो दिनों से सिरोबगड़ में बंद पड़े राष्ट्रीय राजमार्ग को खुलवाने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। उपजिलाधिकारी रुद्रप्रयाग अपर्णा ढौंडियाल ने मौके का मुआयना कर एनएच के अधिकारियों एवं ठेकेदारों को युद्ध स्तर पर कार्य कर यातायात को सुचारू करने के निर्देश दिए।

मूसलाधार बारिश के कारण रुद्रप्रयाग जनपद के छः लिंक मार्ग भी बंद

पहाड़ों मे लगातार हो रही बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले लिंक मार्ग भी जगह-जगह बंद हो गये हैं। जिले के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग एवं प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत निर्मित मोटरमार्ग बंद पड़े हैं। इनमें खिर्सू-खेड़ाखाल-काण्डई-खांकरा, मयाली-गुप्तकाशी, छेनागाढ़-बक्सीर, गुप्तकाशी-कालीमठ-कोटमा-जाल-चैमासी, अन्दरगढ़ी-धरतोलियों के अलावा जवाड़ी-घंघड़खाल मोटरमार्ग बंद पड़े हैं। इन लिंक मार्गो पर जगह-जगह मलबा आया हुआ है, जबकि कई स्थानों पर पुश्ते भी ध्वस्त हो गये हैं। ऐसे में मार्गो पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है और ग्रामीण जनता को मीलों का सफर पैदल तय करना पड़ रहा है।

वहीं रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि मूसलाधार बारिश के कारण बद्रीनाथ राजमार्ग के साथ ही बंद पड़े लिंक को खोलने के लिए जिला प्रशासन को सख्त निर्देश दिये गये हैं।  इसके सामने पपड़ासू बाईपास पर निर्माण कार्य चल रहा है। यह कार्य जल्द पूरा हो जायेगा, जिसके बाद लोगों को राहत मिल जाएगी।

 

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