राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के पर “प्राकृतिक संसाधनों” के विषय पर” यूसर्क द्वारा विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन

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देहरादून:

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के अवसर पर “प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में डाटा साइंस (मशीन लर्निंग) के अनुप्रयोग विषय पर” यूसर्क द्वारा विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन।

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र ,(यूसर्क) देहरादून द्वारा राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के अवसर पर “प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में डाटा साइंस (मशीन लर्निंग) के अनुप्रयोग (Data Science Applications in Natural Resource Management)” विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन आज दिनांक 29 जून 2022 को किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनिता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष के राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस को “सतत विकास के लिए आंकड़े” विषयक थीम पर मनाया जा रहा है । उन्होंने कहा कि डाटा के विश्लेषण की अत्यंत आवश्यकता है । डाटा के ठीक प्रकार से विश्लेषण से सही निर्णय लिए जा सकते हैं । उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक सभी 17 सतत विकास गोलों को प्राप्त करने के लिए हमको डाटा गैप को भरना होगा, डाटा संग्रहण में सुधार करना होगा।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम समन्वयक व वैज्ञानिक डॉ भवतोष शर्मा ने कहा कि प्रति वर्ष 29 जून को प्रो प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है। विगत 16 वर्षों से 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है । सांख्यिकी आर्थिक योजनाओं के साथ-साथ सतत विकास विषयक नीतियों को बनाने में सहायता करती है।

कार्यक्रम के मुख्य विशेषज्ञ वक्ता दून विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ उज्जवल कुमार ने “प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में डाटा साइंस के अनुप्रयोग (Data Science; Machine Leraning, Applications in Natural Resource Management)” विषय पर व्याख्यान दिया डॉक्टर उज्जवल कुमार ने अपने व्याख्यान में विभिन्न प्रकार के डाटा जैसे एक्सपेरिमेंटल डाटा, सर्वे डाटा, उपग्रह डाटा, मॉडल डाटा के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए इनके उपयोग के विषय में बताया । इसके साथ-साथ उन्होंने न्यूरल नेटवर्क मॉडल के सही प्रकार से प्रयोग के बारे में बताया । उन्होंने कहा कि न्यूरल नेटवर्क मॉडल द्वारा उत्तराखंड में एग्रोफोरेस्ट्री के लिए उपयुक्त क्षेत्र का ज्ञान, मौसम के पूर्वानुमान, आईपीसीसी क्लाइमेट चेंज फ्यूचर सिनेरियो आदि को बेहतर ढंग से समझा जा सकता है । उन्होंने बताया कि लैंडसैट डाटा 8 उपग्रह से प्राप्त आंकड़ों की सहायता से उत्तराखंड के टिहरी, पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, अल्मोड़ा, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों में एग्रोफोरेस्ट्री कार्यों के लिए धरातलीय अध्ययन किया गया है तथा मिटटी की गुणवत्ता के विभिन्न मानकों जैसे पी ऐच, कंडक्टिविटी, कैट-आयन एक्सचेंज कैपेसिटी, ऑर्गनिक कार्बन आदि का पौड़ी एवं टिहरी जनपदों में अध्ययन किया गया है। उन्होंने कहा कि मशीन लर्निग तकनीकियां अर्थात डाटा साइंस के टूल्स सभी प्रकार के डाटा के अध्ययन में उपयोगी हैं। कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान विशेषज्ञ द्वारा प्रदान किया गया ।

कार्यक्रम के अंत में यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ ओम प्रकाश नौटियाल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी से यूसर्क की विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से जुड़ने का आवाहन किया। इस कार्यक्रम में कुल 81 प्रतिभागियों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया। कार्यक्रम में डॉ मंजू सुंदरियाल, डॉ राजेंद्र राणा, इं. उमेश जोशी, ओम जोशी, राजदीप जंग , आदि के द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।

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