Big News: अभी से सरकार को लेकर कांग्रेस की अंतरकलह, तो कांग्रेस के मायूस व कच्चे सिपाहियों पर भाजपा की नजरें

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जागृति मीडिया स्पेशल रिपोर्ट : –

उत्तराखंड का 2022 का विधानसभा चुनाव बड़ा दिलचस्प होता जा रहा है । उत्तराखंड में 14 फरवरी को हुए मतदान के बाद जहा कांग्रेस को अपनी सरकार बनती नज़र आ रही है वही ,उत्तराखंड में दो अनुमानित सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक एक रिपोर्ट में जहाँ भाजपा और कांग्रेस काटे की टक्कर बताई जा रही है, तो दूसरे सर्वे के मुताबिक कांग्रेस की क्लीन स्वीप सरकार बनने के भी आसार जातेये जा रहे है।
प्रदेश कांग्रेस के अंदर की अंतरकलह किसी से छिपी नहीं है, जहा एक तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत खुदके मुख्यमंत्री के बनने को लेकर पार्टी ही नहीं बल्कि जनता के बीच आये दिन नई घोषणाओं की छड़ी बिछाये हुए है, जिससे वे अपनी ही पार्टी के विरोधी खेमे की नजरों पर चढ़ गए है। अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व नेताप्रतिपक्ष मप्रीतम सिंह का भी खेमा उनके चेहरे को लेकर बतौर मुख्यमंत्री पद की दावेदारी में अभी से उतर गया है । आये दिन हरीश रावत के बयानों से कांग्रेस के अंदर सुलगती चिंगारी पर अब प्रदेश भाजपा अपनी नज़रे लगाए हुए है ।
2017 के चुनाव में भी भाजपा ने गोवा राज्य में विधानसभा चुनाव में जीती कांग्रेस की बनी बनाई सरकार को धराशायी कर अपने पक्ष में कांग्रेस के विधायकों को कर सरकार बनाई थी ।
अब जानकारों की माने तो उत्तराखंड में कांग्रेस के नेताओं का चुनाव नतीजे आने से पहले ही अति उत्साह और ख़ेमे बाजी पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की नज़र लगातार बनाये हुए है यदि कांग्रेस कुछ ही सीटों से आगे निकल कर उत्तराखंड में सरकार बनाती है तो कांग्रेस के कौन कौन से कच्चे सिपाही होंगे जिन्हें आसानी से तोड़ा जा सकेगा ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी दो दिवसीय नई दिल्ली के दौरे पर है जहाँ वे 10 मार्च को घोषित होने वाले चुनावी नतीजों पर केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करेंगे । यदि भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में नाकाम रही तो सभी विकल्पों पर विचार किया जा सकता है ।
कांग्रेस का प्रदेश में सरकार बनाने को लेकर अति उत्साह और कांग्रेस ले नेताओं के मुख्यमंत्री बनने को लेकर सपने कही कांग्रेस के कच्चे सिपाही कही न कही भाजपा की टकटकी लगाए नज़रो में चढ़े हुए है।
यदि जोड़तोड़ की सम्भावना हुई तो ये पहली बार नहीं होगा कि दल बदल सरकार बनना कठिन हो भाजपा इस मामले में पहले से ही माहिर है।

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