राज्यपाल ने गढ़वाल राईफल्स श्रम संविदा स्वायत्त सहकारिता द्वारा ‘‘पूर्व सैनिक मिलन एवं सम्मान समारोह’’ में किया प्रतिभाग

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*राजभवन सूचना परिसर, उत्तराखण्ड*
*प्रेस विज्ञप्ति**

● राज्यपाल ने गढ़वाल राईफल्स श्रम संविदा स्वायत्त सहकारिता द्वारा ‘‘पूर्व सैनिक मिलन एवं सम्मान समारोह’’ में किया प्रतिभाग।*

*● उत्तराखण्ड को समृद्ध एवं खुशहाल बनाने में करें सहयोग पूर्व सैनिक -राज्यपाल।*
*● प्रत्येक सैनिक की समस्या मेरी समस्या -राज्यपाल।*

राजभवन देहरादून

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को गढ़ी कैंट में गढ़वाल राईफल्स श्रम संविदा स्वायत्त सहकारिता द्वारा ‘‘पूर्व सैनिक मिलन एवं सम्मान समारोह’’ में प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में वीर नारियों, पदक विजेताओं एवं युद्ध में घायल सैनिकों को सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने समारोह में गढ़वाल राईफल्स की वीर नारियों, पदक विजेताओं व सभी पूर्व सैनिकों से मुलाकात करते हुए उनका हालचाल जाना।

समारोह में राज्यपाल ने आयोजकों को सुंदर आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस समारोह में सम्मिलित होकर एक परिवार जैसा अनुभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि गढ़वाल राईफल्स की 135 वर्षों के स्वर्णिंम इतिहास इसके वीर जवानों की वीरता और पराक्रम के लिए जाना जाता है। राज्यपाल ने कहा कि गढ़वाल राईफल्स के ही गौरव महावीर चक्र विजेता अमर शहीद, बाबा जसवंत सिंह उत्तराखण्ड की इसी धरती पर जन्में हैं जिन्हें अपनी वीरता और शौर्य के लिए आज भी पूजा जाता है। उनकी अविस्मरणीय वीरगाथा आज भी हमें प्रेरणा देती है।

राज्यपाल ने कहा कि हमारे पास पूर्व सैनिकों की बहुत बड़ी ताकत है। हम सैनिकों की इस ताकत के बल पर उत्तराखण्ड को समृद्ध एवं खुशहाल बना सकते हैं। उन्होंने पूर्व सैनिकों से कहा कि वे प्रदेश के विकास में अपना हरसंभव योगदान दें। पूर्व सैनिक प्राकृतिक खेती, पर्यटन, स्वरोजगार, उद्यमिता के क्षेत्र में कार्य करते हुए उत्तराखण्ड को आर्थिक सशक्त बनाने में अपना योगदान दें। उन्होंने वीरांगनाओं से कहा कि वे स्वयं सहायता समूह के माध्यम से अपने स्वरोजगार को बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की महिलाओं में अलग ही क्षमता है वे अपने कार्य के बल पर उत्तराखण्ड की आर्थिकी में बड़ा योगदान कर सकती हैं।

राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक सैनिक की समस्या मेरी समस्या है। मुझे खुशी होगी कि आपकी किसी समस्या के समाधान में काम आ सकूं। राज्यपाल ने कहा कि वीरांगनाओं, पदक विजेताओं और घायल सैनिकों हेतु राजभवन के दरवाजे सदैव खुले हैं, वे बिना किसी आपइंटमेंट के अपनी समस्याएं बता सकते हैं। उन्होंने कहा पूर्व सैनिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु राजभवन द्वारा एक शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति भी की गई है।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए पूर्व सैनिकों हेतु ईसीएचएस सुविधाओं और सीएसडी कैंटीन के मानकों में शिथिलीकरण हेतु थल सेना प्रमुख से वार्ता की गई है। उन्होंने कहा कि हाल ही में केन्द्रीय कैबिनेट ने वन रैंक, वन पेंशन को रिवाइज किया है, जिससे 25 लाख से अधिक पेंशनरों को लाभ मिलेगा। इस अवसर पर पूर्व उप थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) शरद चंद ने भी उपस्थित पूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं को संबोधित किया। इस समारोह में मेजर जनरल(रि.) ए.पी.एस. कंवर, कर्नल(रि.) डी.पी.एस कठैत सहित हजारों की संख्या में पूर्व सैनिक और वीरांगनाएं उपस्थित रहीं।