नई दिल्ली :
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य एक बार फिर अपने विवादित बयानों को लेकर घिर गए में हैं। इस बार उन्होंने महिलाओं और लड़कियों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है, जिसे समाज के विभिन्न वर्गों ने शर्मनाक और निंदनीय करार दिया है।
हाल ही में एक सभा के दौरान अनिरुद्धाचार्य ने कहा,
“14 वर्ष की आयु में लड़कियों की शादी कर देनी चाहिए।”
उनके इस बयान पर सोशल मीडिया से लेकर बुद्धिजीवियों और महिला संगठनों तक में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। लोगों का कहना है कि यह बयान न केवल बाल विवाह को बढ़ावा देता है, बल्कि महिलाओं की गरिमा और अधिकारों का भी अपमान करता है।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब अनिरुद्धाचार्य ने इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी की हो। इससे पहले भी उन्होंने एक बयान में कहा था कि
“25 वर्ष की आयु के बाद लड़कियां शादी के लायक नहीं रहतीं।”
उनके इन बयानों को लेकर पहले भी कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था, लेकिन अब उन्होंने एक बार फिर मर्यादा की सभी सीमाएं लांघ दी हैं।
कानून का उल्लंघन?
भारत में बाल विवाह कानून के तहत लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष निर्धारित है। ऐसे में 14 वर्ष की आयु में विवाह की वकालत करना न सिर्फ सामाजिक रूप से गलत है, बल्कि कानूनी तौर पर भी आपराधिक श्रेणी में आता है।
लोगों का गुस्सा
बयान वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने अनिरुद्धाचार्य को जमकर आड़े हाथों लिया। खास कर महिलाओं ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है।