CDS जनरल अनिल चौहान के बयान से देश में मचा सियासी भूचाल: सिंगापुर में क्या कहा कि मच गया हंगामा?
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान के सिंगापुर में दिए गए एक बयान ने देश की सियासत में हलचल मचा दी है। यह बयान ऐसे वक्त आया है जब देश में लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है, और राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की होड़ तेज हो चुकी है।
क्या कहा CDS जनरल अनिल चौहान ने ?
सिंगापुर में आयोजित शांग्री-ला डायलॉग (Shangri-La Dialogue) के दौरान जनरल अनिल चौहान ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और भारत की रक्षा नीति को लेकर वक्तव्य दिया। इस दौरान उन्होंने “भारत के अंदरूनी सुरक्षा मुद्दों” पर भी टिप्पणी की। बताया जा रहा है कि उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा:
“भारत में चुनाव के दौरान आतंकी घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है और सेना इन संभावनाओं को लेकर सजग रहती है।”
उनके इस बयान को कुछ राजनीतिक दलों ने “चुनावी माहौल को प्रभावित करने वाला” और “राजनीतिक हस्तक्षेप की सीमा को पार करने वाला” करार दिया है।
विपक्ष का हमला
बयान सामने आते ही विपक्षी पार्टियों ने सरकार और सेना पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं:
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कांग्रेस ने कहा कि “सेना के शीर्ष अधिकारी को राजनीतिक माहौल पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। यह लोकतंत्र की मर्यादाओं का उल्लंघन है।”
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टीएमसी और राजद जैसी पार्टियों ने इसे “चुनावी नैरेटिव को प्रभावित करने की कोशिश” बताया।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए कहा: “जब एक शीर्ष सैन्य अधिकारी चुनावी माहौल में इस तरह की टिप्पणी करता है, तो यह संविधान की भावना के खिलाफ है।”
https://x.com/Jairam_Ramesh/status/1928754298415968570
सरकार और सेना का बचाव
सरकारी सूत्रों और रक्षा मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने इस विवाद पर सफाई दी है। उनका कहना है कि:
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जनरल चौहान का बयान एक सामान्य सुरक्षा चिंता पर आधारित था, न कि किसी राजनीतिक संदर्भ में।
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सेना हमेशा आतंकी गतिविधियों को लेकर अलर्ट रहती है, खासकर त्योहारों और चुनावों के दौरान।
क्या है शांग्री-ला डायलॉग?
यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा और रणनीतिक मामलों पर चर्चा करने वाला एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच है। इसमें दुनिया के बड़े देशों के रक्षा प्रमुख शामिल होते हैं। जनरल चौहान ने वहां भारत की ओर से “रिजनल सिक्योरिटी चैलेंजेस” पर अपनी बात रखी।