राजभवन / देहरादून
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को राजभवन में पूर्व सैनिकों से मुलाकात कर उनके कल्याण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। इस चर्चा में सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ईसीएचएस और सीएसडी सुविधाओं में आ रही परेशानियों और उनके विस्तार, पूर्व सैनिकों की अन्य विभिन्न समस्याओं और अन्य कल्याणकारी उपायों पर गंभीरता से विचार किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि प्राप्त सभी सुझावों पर यथासंभव उचित कार्यवाही की जाएगी, ताकि पूर्व सैनिकों की समस्याओं का समाधान हो सके। उन्होंने ईसीएचएस में आ रही दिक्कतों के लिए एमडी ईसीएचएस के साथ बैठक कर यथाशीघ्र परेशानियों को दूर करने का आश्वासन दिया। बैठक में राज्यपाल ने कहा कि पूर्व सैनिक नशामुक्त अभियान, होम स्टे, शहद उत्पादन को बढ़ावा दिए जाने में अपनी भागीदारी निभाए साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी अपना योगदान दें। वाइब्रेंट विलेज में पूर्व सैनिक किस प्रकार अपना योगदान दे सकता है।
बैठक के दौरान अग्निवीर योजना के बारे में भी चर्चा हुई। राज्यपाल ने इस योजना को भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक परिवर्तनकारी कदम बताते हुए कहा कि अग्निवीरों का प्रशिक्षण और उनकी क्षमता उच्चतम स्तर की है, जिससे सेना में युवा ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने इस योजना को राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया, क्योंकि यह न केवल सशस्त्र बलों में युवाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाती है, बल्कि उनमें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को भी प्रोत्साहित करती है। उन्होंने कहा कि अग्निवीरों को प्रशिक्षित करने वाले कमांडरों से वार्ता के दौरान उनके जज्बे और प्रशिक्षण को अद्भुत बताया।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा भी अग्निवीरों के लिए पुलिस समेत राज्य के विभिन्न विभागों में आरक्षण के प्रावधान का निर्णय लिया गया है और इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। अन्य राज्यों में उन्हें आरक्षण और समायोजित किए जाने पर कार्य किया गया है। राज्यपाल ने कहा कि अग्निपथ योजना के प्रति युवाओं में उत्साह देखा जा रहा है, उनका उत्साह देश की सुरक्षा और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
इस अवसर पर सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृतलाल, लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार (से नि), मेजर जनरल ओ.पी. सोनी(से नि), मेजर जनरल पी. एस. राणा (से नि) सहित अन्य पूर्व सैनिक मौजूद रहे।