देहरादून:
उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित संस्कृत संभाषण शिविर का समापन समारोह आज उत्तराखंड सचिवालय स्थित देवेंद्र शास्त्री भवन में संपन्न हुआ। यह संस्कृत सम्भाषण शिविर उत्तराखंड संस्कृत अकादमी, हरिद्वार के तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उत्तराखंड शासन के संस्कृत शिक्षा, सचिव दीपक कुमार गैरोला ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री द्वारा संस्कृत के उत्थान के लिए अनुमोदित विभिन्न संस्कृत योजनाएं पूरे प्रदेश में गतिमान हैं। शीघ्र ही 13 संस्कृत ग्रामों का शुभारंभ किया जाएगा। संस्कृत अकादमी, संस्कृत शिक्षा निदेशालय, संस्कृत शिक्षा परिषद् एवं संस्कृत विश्वविद्यालय अपने-अपने स्तर पर संस्कृत प्रचार-प्रसार हेतु सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा संस्कृत प्रदेश की द्वितीय राजभाषा है इसके विकास के लिए हम सबको आगे आना होगा।
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो दिनेश चन्द्र शास्त्री ने कहा कि हमारी शास्त्र-संपदा, जो भारतीय सभ्यता और संस्कृति की पोषक है, उसका मूल स्रोत यह देववाणी संस्कृत है, अतः हमारे व्यवहार में संस्कृत का समावेश अनिवार्य होना चाहिए।
संस्कृत शिक्षा निदेशालय के निदेशक डाॅ आनंद भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा नीति 2020 के अनुसार भारतीय ज्ञान परम्परा पर ग्राम्य स्तर से लेकर प्रादेशिक स्तर तक विभिन्न योजनाओं पर कार्य चल रहा है। आधुनिक विज्ञान द्वारा संपादित अनेक महत्त्वपूर्ण शोध पहले से ही हमारे संस्कृत साहित्य में उल्लिखित हैं, जो अब प्रमाणित हो रहे हैं।
कार्यक्रम में संस्कृत शिक्षा की अनुसचिव गीता शरद्, अनुभाग अधिकारी संयोजिका तरुण धंजीवाल, अकादमी के वित्त अधिकारी सत्येंद्र कुमार डबराल ने अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम का संचालन शोध अधिकारी डॉ. हरीश गुरुरानी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रकाशन अधिकारी किशोरीलाल रतूडी ने किया।
शिबिर प्रशिक्षक डॉ. महेश चंद्र मासिवाल और धीरज मैठाणी को प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र से सम्मानित किया।
शिबिर में संस्कृत शिक्षा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग, कार्मिक एवं सतर्कता, सचिवालय प्रशासन, पुस्तकालय, समाज कल्याण, वन अनुभाग, युवा कल्याण, प्रोटोकॉल, मुख्य सचिव कार्यालय, ग्राम्य विकास, बेसिक शिक्षा, कृषि अनुभाग, गृह विभाग, मेडिकल सेक्शन, मत्स्य विभाग, नियोजन, सहकारिता, पशुपालन, नियमावली प्रकोष्ठ, गढ़वाल मंडल विकास निगम, उच्च शिक्षा, वित्त विभाग, औद्योगिक विकास सहित 32 विभागों के 58 अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
समारोह का शुभारंभ वैदिक मंगलाचरण से हुआ। संस्कृत में प्रेरक वक्तव्यों एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से उपस्थित जनों ने प्रेरणा प्राप्त की। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के सहभागी पदाधिकारी एवं कर्मचारी विद्वज्जन समुपस्थित रहे।