केदारनाथ उपचुनाव: भाजपा-कांग्रेस में जुबानी जंग तेज

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रुद्रप्रयाग:

भाजपा और कांग्रेस के बीच केदारनाथ उपचुनाव को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस केदारनाथ की जनता को झूठे वादों और आरोपों से गुमराह करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय जो काम केवल कागजों पर होते थे, आज उनकी सच्चाई जनता के सामने आ चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार केदारनाथ धाम के नई दिल्ली में मंदिर निर्माण को लेकर पहले ही इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपना चुकी है। उत्तराखंड में चारधामों के नाम पर किसी भी अन्य राज्य में मंदिर या समिति बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस संदर्भ में राज्य सरकार ने अपनी कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पारित किया है। सीएम धामी ने कहा, “कांग्रेस के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, इसलिए वह झूठे आरोप लगाकर केदारनाथ की जनता को भटकाने का काम कर रही है।”

कांग्रेस पर पुराने आरोप

भाजपा ने कांग्रेस पर पिछली सरकार के कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में मुंबई में बद्रीनाथ मंदिर की नींव रखी गई थी। भाजपा नेताओं का कहना है कि उस समय कांग्रेस ने इस फैसले को सही ठहराने के लिए कोई ठोस तर्क नहीं दिया और आज वही पार्टी झूठे आरोप लगाकर उपचुनाव में फायदा उठाना चाहती है।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी के स्थानीय नेता भाजपा पर विकास कार्यों में विफल रहने का आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा केवल राजनीतिक बयानबाजी करती है और वास्तविक मुद्दों पर काम करने में असफल रही है।

केदारनाथ की जनता की भूमिका

केदारनाथ उपचुनाव दोनों ही पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण है। भाजपा जहां अपनी सरकार की नीतियों और विकास कार्यों को जनता के सामने रख रही है, वहीं कांग्रेस स्थानीय मुद्दों और सरकार की कमियों को उजागर करने की कोशिश में जुटी है। अब देखना यह है कि जनता किस पार्टी पर विश्वास जताती है।

केदारनाथ उपचुनाव के इस घमासान ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। दोनों दल अपनी रणनीति के तहत केदारनाथ की जनता को साधने में लगे हैं। लेकिन इस उप चुनाव का परिणाम यह तय करेगा कि कौन सी पार्टी केदारनाथ की जनता के दिलों में अपनी जगह बनाने में सफल होती है।

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