38वें राष्ट्रीय खेलों में लॉन बॉल का रोमांच: बिहार, झारखंड और असम का दमदार प्रदर्शन

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38वें राष्ट्रीय खेलों के लॉन बॉल मुकाबले रोमांच, संघर्ष और शानदार खेल के गवाह बने। खिलाड़ियों ने मैदान पर अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए दर्शकों को हर क्षण रोमांचित किया।

महिला लॉन बॉल स्पर्धा में बिहार ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए पश्चिम बंगाल को 16-14 से हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। मुकाबला बेहद संघर्षपूर्ण रहा, जिसमें अंतिम क्षणों तक नतीजा स्पष्ट नहीं था। लेकिन बिहार की टीम ने जबरदस्त संयम और रणनीति का परिचय देते हुए जीत हासिल की। दूसरी ओर, असम की टीम ने ओडिशा के खिलाफ शानदार खेल दिखाते हुए 19-10 से जीत दर्ज की। पूरे मुकाबले में असम की टीम ने दबदबा बनाए रखा और ओडिशा को वापसी का कोई मौका नहीं दिया।

एक और महत्वपूर्ण मुकाबले में झारखंड ने पश्चिम बंगाल को 17-10 से शिकस्त देकर कांस्य पदक अपने नाम किया। झारखंड की खिलाड़ियों ने रणनीतिक खेल दिखाते हुए विपक्षी टीम को हर क्षेत्र में मात दी।

पुरुष वर्ग: झारखंड ने बिहार को दी कड़ी टक्कर

पुरुष वर्ग के फाइनल में झारखंड और बिहार के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। दोनों टीमों ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया, लेकिन झारखंड ने अंतिम क्षणों में 21-17 से जीत दर्ज कर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। बिहार की टीम ने कड़ा मुकाबला दिया, लेकिन झारखंड ने शानदार रणनीति के साथ बढ़त बनाए रखी।

खेलों में बिहार, असम और झारखंड की मजबूत उपस्थिति

इस टूर्नामेंट ने साबित कर दिया कि लॉन बॉल भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और बिहार, झारखंड व असम जैसे राज्य इस खेल में मजबूती से उभर रहे हैं। पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के कारण दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट लगातार गूंजती रही।

समापन समारोह और विजेताओं का सम्मान

विजेता टीमों ने अपनी सफलता का श्रेय कड़ी मेहनत, समर्पण और टीम वर्क को दिया। समापन समारोह में कई प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद थीं, जिनमें प्रसिद्ध पूर्व एथलीट पी. टी. उषा भी शामिल रहीं। उन्होंने विजेताओं को मेडल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका उत्साह बढ़ाया। 38वें राष्ट्रीय खेलों में लॉन बॉल प्रतियोगिता का यह रोमांचक सफर यहीं खत्म नहीं होता, बल्कि यह एक नए युग की शुरुआत है। खिलाड़ियों का जुनून, उनका समर्पण और उनके सपने उन्हें और ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। अब निगाहें अगले लक्ष्य और नई जीत पर टिकी हैं!


संवाददाता

अदिति कंडवाल

अदिति कंडवाल दून विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य में एमए की छात्रा हैं। उन्हें साहित्य और पत्रकारिता में गहरी रुचि है, जिसके चलते वह लेखन और संवाद के माध्यम से समाज में नई सोच और विचारों का संचार करने का प्रयास करती हैं।

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