बद्रीनाथ और मंगलौर उप चुनाव में कांग्रेस की जीत, भाजपा में दबे मन खुशी का माहौल

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उत्तराखंड की उत्तराखंड की बद्रीनाथ व मंगलौर विधानसभा सीट पर  10 जुलाई को उपचुनाव हुए। जिसके निर्णय 13 जुलाई को सामने आए बद्रीनाथ विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी लखपत सिंह बुटोला ने भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र भंडारी को 5224 वोटो से मात दी । वहीं हरिद्वार जिले की मंगलौर विधान सभा सीट पर कांग्रेस के क़ाज़ी मोहम्मद निज़ामुद्दीन ने भाजपा प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना को 422 वोटों से हराया।

कांग्रेस में उत्साह की लहर 

2022 विधानसभा चुनाव हारने के बाद 2024 में लोकसभा चुनाव में पांचों सीटी पर करारी हार के बाद । अब कांग्रेस ने जहां अपनी बदरीनाथ सीटी को बचाने में कामयाबी पाई वहीं मंगलौर सीट जीत कर कांग्रेस के नेताओं में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी हैं ।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा ने इस जीत को जनता की जीत बताते हुए कहा कि … ” जनता सब जानती हैं भाजपा ने जिस तरह बदरीनाथ सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी को भाजपा में शामिल कर लिया था। अब जनता ने भाजपा को आईना दिखाया है।

भाजपा में अंदर खाने खुशी की लहर 

बदरीनाथ विधानसभा सीट में मिली हार के बाद चमोली से लेकर देहरादून तक भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में इस हार पर मन ही मन खुशी की लहर है।

2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से राजेंद्र भंडारी ने बद्रीनाथ विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी महेंद्र भट्ट को हराया था। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस का दामन पौड़ी गढ़वाल से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार अनिल बलूनी के नेतृत्व में भाजपा में शामिल हो गए थे।जिस कारण राजेंद्र सिंह भंडारी को बद्रीनाथ विधानसभा से अपने विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ा।

अब जब बद्रीनाथ विधानसभा में उपचुनाव हुए तो राजनीतिक जानकारों के अनुसार भाजपा अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट भी कही न कही राजेंद्र भंडारी को टिकट देने के पक्ष में नहीं थे। अब बद्रीनाथ व मंगलौर से विधानसभा चुनाव भाजपा के हारते ही अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहने प्रेस से बात करते हुए अपने मन की बात कह डाली । उन्होंने कहा कि दोनों सीटों पर हार की समीक्षा की जाएगी और टिकट देने में कहीं न कहीं चूक हुई है। हमने सोचा था कांग्रेसी विधायक आएगा हम उसे अपने टिकट पर लड़ाएंगे हो सकता है वो निर्माण हमारा जल्दबाजी का निर्णय रहा हो। बद्रीनाथ सीट से राजेंद्र भंडारी को भाजपा का टिकट देकर कहीं न कहीं चूक रही होगी इस कि समीक्षा हम करेंगे। भंडारी जब कांग्रेस में रहे तो ब्राह्मण समाज के लिए दिए बयानों का असर भी चुनाव की हार का नतीजा रहा है।

वहीं बात करे मंगलौर विधानसभा सीट से हार की तो भाजपा कार्यकर्ताओं में बाहरी उम्मीदवार को लेकर नाराजगी पहले ही देखने को मिली थी। चुनाव प्रचार के लिए भाजपा में नेताओं की अनदेखी भी भारी पड़ी। हरियाणा से उत्तराखंड में भाजपा के उम्मीदवार बने करतार सिंह को भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं ने भी अंदर खाने हारने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

मिली हार का मामला दिल्ली हाईकमान तक 

भले ही भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट हार की समीक्षा की बात कर रहें हों । मिली जानकारी के अनुसार हारे भाजपा के दोनों उम्मीदवारों ने अब दिल्ली हाईकमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने अपना दुखड़ा रोया है। कांग्रेस से विधायक पद छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए राजेंद्र भंडारी भाजपा के टिकट पर हार का ठीकरा किस पर फोड़ते है देखने वाली बात रहेंगी।

 

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