UCOST द्वारा तीन दिवसीय विज्ञान शिक्षक कार्यशाला-2024 का समापन हुआ

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देहरादून:

उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा तीन दिवसीय विज्ञान शिक्षक कार्यशाला का सफलतापूर्वक दिनांक 01 जुलाई से 03 जुलाई 2024 तक किया गया । इस कार्यशाला में बी.एल.एम. अकादमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, हल्द्वानी, नैनीताल के शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में शिक्षण पद्धतियों में विकास हेतु व्यावहारिक विज्ञान व्याख्यान और विशिष्ट गतिविधियों का आयोजन किया गया। श्री जी.एस. रौतेला, सलाहकार, साइंस सिटी और शिक्षाविद् डॉ. रीमा पंत द्वारा विज्ञान शिक्षा में अंतःविषय दृष्टिकोण पर व्यख्यान प्रस्तुत किया गया। प्रतिभागियों ने कार्यशाला के दौरान परिषद् में संचालित हाइड्रोपोनिक्स सेटअप, जैव विविधता पार्क और विज्ञान पार्क सहित आंचलिक विज्ञान केंद्र की विभिन्न गैलरीज का भी भ्रमण किया। रोटरी क्लब देहरादून के अध्यक्ष डॉ. तरूण भाटिया ने कक्षा में छात्रों को प्रेरित करने के महत्त्व पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। दून स्कूल, देहरादून के श्री चंदन सिंह ने गणित में सक्रिय शिक्षण पर एक सत्र का संचालन किया। श्री जी एस रौतेला द्वारा साइंस डेमोंस्ट्रेशन लेक्चर का भी आयोजन किया गया। कार्यशाला में प्रतिभागियों ने स्टेम एजुकेशन से सम्बंधित व्यावहारिक प्रयोग , रोबोटिक्स कार्यशाला और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस कार्यशाला में भी प्रतिभाग किया। कार्यशाला के समापन समारोह में यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने शिक्षकों के साथ व्यावहारिक ज्ञान और उसके महत्त्व पर वार्ता की और उन्होंने कहा कि व्यावहारिक ज्ञान और व्यावसायिक विकास को हमे निरंतर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि शिक्षक हमारे समाज की रीढ़ हैं और समाज के निर्माण में और छात्रों के भविष्य को आकार देने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। डॉ. पंत ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एन ई पी) और व्यावहारिक प्रयोगों के माध्यम से अनुभवात्मक शिक्षा के महत्व पर भी अपने विचार व्यक्त किये। वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी एवं प्रभारी आरएससी डॉ. पीयूष जोशी ने तीन दिवसीय कार्यक्रम का समन्वयन किया। उन्होंने यूकॉस्ट और आरएससी का परिचय देते हुए आने वाले दिनों में राज्य में लागू होने वाली साइंस कॉरिडोर और सम्बंधित गतिविधियों का विवरण दिया। इस कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले शिक्षकों को विज्ञान शिक्षा में छात्रों को प्रेरित करने और व्यावहारिक विज्ञान गतिविधियों से अवगत कराया।

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