चंपावत :
24 मार्च 2025, लोहाघाट, चंपावत: उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा जनपद चंपावत के लोहाघाट में स्थित स्वामी विवेकानंद राजकीय स्नातोत्तर महाविद्यालय में दो दिवसीय “जीआई टैग: स्थानीय उत्पादों की वैश्विक पहचान को बढ़ावा” विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में देशभर से विशेषज्ञों, उद्यमियों, शिक्षाविदों और छात्रों ने भाग लिया और भौगोलिक संकेतक (GI), डिजिटल उद्यमिता तथा बौद्धिक संपदा अधिकारों की भूमिका पर विचार-विमर्श किया।
कार्यक्रम में यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने जीआई टैग और डिजिटल उद्यमिता के महत्व पर गहन विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि चम्पावत के कई स्वरोजगार ने अपनी पहचान देश भर में बनाई है। उन्होंने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवाचार, पेटेंट और संरचित दस्तावेजीकरण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि “लोकल से ग्लोबल” की दिशा में आगे बढ़ने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों को सुरक्षित करना बेहद आवश्यक है।
इसके अलावा, प्रो. पंत ने तीन साल सेवा, सुशासन और विकास के अंतर्गत आदर्श चंपावत मॉडल जिले की परियोजना पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने लगातार कार्य किया है ताकि चंपावत को आदर्श जिले के रूप में विकसित किया जा सके। यह पहल क्षेत्र में तकनीकी, बुनियादी ढांचे और उद्यमिता के विकास को गति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार ही चंपावत और संपूर्ण उत्तराखंड के समग्र विकास की कुंजी हैं।
उत्तराखंड में पेटेंट सूचना केंद्रों की स्थापना राज्य को नवाचार के मजबूत तंत्र की ओर ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल स्थानीय नवाचारों को वैश्विक मान्यता और सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उत्तराखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी और उद्यमिता के केंद्र के रूप में उभरने में मदद करेगी।