गुवाहाटी:
एक बड़ी सफलता में, असम पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बीते बुधवार को आईएसआईएस इंडिया के प्रमुख हारिस फारूकी और उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया, जो पड़ोसी बांग्लादेश से अवैध रूप से असम के धुबरी में प्रवेश करने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी की मोस्ट वांटेड सूची में हैं।
भारतीय जांच एजेंसियों को जानकारी मिली कि भारत में आईएसआईएस के दो सदस्य जो पड़ोसी देश में डेरा डाले हुए हैं, तोड़फोड़ की गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धुबरी सेक्टर में भारत में आएंगे। जिसके बाद पहले से सतर्क जांच एजेंसियों ने भारत में आईएसआईएस के मुखिया हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारुकी और उसके सहयोगी अनुराग उर्फ रेहान को एक बड़े ऑपरेशन में गिरफ्तार कर लिया गया।
इस ऑपरेशन के उत्तराखंड से तार जुड़ने का बड़ा खुलासा तब हुआ जब देहरादून जिले के चकराता क्षेत्र के पकड़े गए आईएसआईएस इंडिया के प्रमुख हारिस फारूकी के स्थानीय होने की खबर सामने आई। आईएसआईएस इंडिया के प्रमुख हारिस फारूकी का मूल निवासी देहरादून के चकराता का होना बताया गया है। जिसे लेकर अब देहरादून की पुलिस भी जांच करने के लिए उसके घर जाने की तैयारी कर रही है।
पुलिस महानिरीक्षक पार्थसारथी महंत के नेतृत्व में विशेष कार्य बल की एक टीम कल शाम दोनों को गिरफ्तार करने के लिए निकली। टीम को विश्वसनीय जानकारी मिली और भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब एक क्षेत्र में तलाश शुरू की गई। टीम ने सीमा पार करने के बाद धुबरी के धर्मशाला इलाके में सुबह-सुबह आतंकवादियों को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया।
बयान में कहा गया है, “उन्होंने भारत भर में कई स्थानों पर आईईडी का उपयोग करके भर्ती, आतंकी फंडिंग और आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की साजिशों के माध्यम से भारत में आईएसआईएस के उद्देश्य को आगे बढ़ाया था।” पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनके खिलाफ एनआईए, दिल्ली, एटीएस और लखनऊ सहित अन्य स्थानों पर कई मामले लंबित हैं।
पुलिस ने कहा, “एसटीएफ, असम आरोपियों के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई करने के लिए उन्हें एनआईए को सौंप देगी।”