क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल 29 नवम्बर से

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देहरादून:

भारत का क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल अपने बहुप्रतीक्षित दूसरे संस्करण के साथ वापसी कर रहा है, जो 29 नवंबर से 1 दिसंबर 2024 तक हयात सेंट्रिक, देहरादून में आयोजित होगा। पहले संस्करण की शानदार सफलता के बाद, इस वर्ष का फेस्टिवल अपराध साहित्य, सिनेमा और सामाजिक मुद्दों की गहराइयों में उतरने का वादा करता है, जिसमें विशेषज्ञ वक्ताओं की प्रभावशाली सूची शामिल है।

*खास वक्ता और सत्र*

इस फेस्टिवल में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता प्रकाश झा, जिनकी कृतियां गंगाजल, आश्रम और राजनीति समाज और न्याय पर गहन प्रभाव डालती हैं, और आर्टिकल 15 व IC-814 के निर्देशक अनुभव सिन्हा सिनेमा के माध्यम से अपराध और न्याय की समझ पर चर्चा करेंगे।
भारत के अग्रणी अपराध लेखक एस. हुसैन जैदी अपनी बेस्टसेलर किताबों जैसे ब्लैक फ्राइडे और डोंगरी टू दुबई के जरिए अंडरवर्ल्ड की गहरी परतें उजागर करेंगे।
महिला सशक्तिकरण की मिसाल मीरन बोरवणकर, पूर्व डीजीपी और मैडम कमिश्नर की लेखिका, कानून प्रवर्तन में अपने अनुभव साझा करेंगी।
वीरप्पन को पकड़ने वाले अभियान के नायक के. विजय कुमार, आईपीएस, एक सनसनीखेज ऑपरेशन की gripping कहानी सुनाएंगे।
भौकाल वेब सीरीज के प्रेरणास्रोत नवनीत सेकेरा पुलिसिंग की वास्तविकताओं पर चर्चा करेंगे।

सुरेंद्र मोहन पाठक, हिंदी अपराध साहित्य के महान लेखक, जिन्हें जेम्स बॉन्ड और जेम्स हेडली चेज़ के हिंदी अनुवाद के साथ 1960 के दशक में लेखन शुरू करने का श्रेय है, को इस फेस्टिवल में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। उनके 300 से अधिक उपन्यासों ने अपराध साहित्य के क्षेत्र में एक अमिट छाप छोड़ी है।

*समारोह और सत्र*

फेस्टिवल का उद्घाटन समारोह 29 नवंबर को माता श्री मंगला जी, भोले जी महाराज और प्रकाश झा द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ होगा।
प्रकाश झा गंगाजल: भारत के हृदयस्थल में अपराध, संस्कृति और परिणाम पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही वह राजनीति फिल्म के माध्यम से भारतीय राजनीति और समाज पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत करेंगे।
एस. हुसैन जैदी अंडरवर्ल्ड क्रॉनिकल्स में मुंबई के अंडरवर्ल्ड के रहस्यों को उजागर करेंगे।
*महिलाओं के खिलाफ अपराध*: कितना बदलाव हुआ है? एक पैनल चर्चा होगी जिसमें सभी आईपीएस अधिकारी शामिल होंगे।
अनुभव सिन्हा और आलोक लाल सिनेमा से परे: फिल्म, पहचान और सामाजिक न्याय पर बात करेंगे।
कर्नल सिंह और अशोक कुमार बटला हाउस: एक मुठभेड़ जिसने राष्ट्र को झकझोर दिया पर चर्चा करेंगे।

*फेस्टिवल की विशेषताएं*

फेस्टिवल में छात्रों की क्रिएटिविटी और टैलेंट का जश्न मनाया जाएगा, जिन्होंने शॉर्ट स्टोरी और शॉर्ट फिल्में प्रस्तुत की हैं। इन युवा रचनाकारों को कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया जाएगा।

फेस्टिवल के अध्यक्ष अशोक कुमार और फेस्टिवल डायरेक्टर आलोक लाल के नेतृत्व में यह कार्यक्रम अपराध साहित्य और सिनेमा के माध्यम से समाज को बेहतर समझ और जागरूकता प्रदान करने का प्रयास कर रहा है।

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