माटी के लाल, रुद्रप्रयाग जिले के पिल्लू गांव में जन्में रियर एडमिरल (सेनि.) ओपीएस राणा को भारत सरकार ने परमाणु, रक्षा तथा अन्य रणनीतिक महत्व की परियोजनाओं के पर्यावरणीय मूल्यांकन के लिए गठित विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (एक्सपर्ट अप्रेज़ल कमेटी–ई ए सी) का पुनर्गठन करते हुए अध्यक्ष नियुक्त किया है। वर्तमान में देहरादून में रह रहे सेवानिवृत्त रियर एडमिरल ओम प्रकाश सिंह राणा (एवीएसएम, वीएसएम) की ब्रह्मोस मिसाइल के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इस संबंध में विगत 15 दिसंबर को आधिकारिक आदेश जारी किया है। यह समिति पर्यावरण प्रभाव आकलन (ई आई ए) अधिसूचना, 2006 के प्रावधानों के तहत गठित की गई है।
आदेश के अनुसार, पुनर्गठित समिति के अध्यक्ष के रूप में समिति देशभर से प्राप्त परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्प्लेक्स, रक्षा तथा अन्य रणनीतिक परियोजनाओं से जुड़े प्रस्तावों का पर्यावरणीय दृष्टि से परीक्षण और मूल्यांकन करेगी।
मंत्रालय ने समिति के कार्यक्षेत्र और दायित्व (टर्म्स ऑफ रेफरेंस) भी स्पष्ट किए हैं। इसके तहत समिति परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्प्लेक्स, रक्षा एवं अन्य रणनीतिक परियोजनाओं से जुड़े प्रस्तावों की जांच करेगी और विस्तृत पर्यावरण प्रभाव आकलन एवं पर्यावरण प्रबंधन योजना अध्ययन के लिए आवश्यक शर्तें निर्धारित करेगी। परियोजना प्रस्तावकों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों की समीक्षा और विश्लेषण भी समिति की प्रमुख जिम्मेदारी होगी।
इसके अलावा समिति जहां संभव होगा, वहां पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए सुरक्षा उपाय सुझाएगी। इसमें प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों का उपयोग तथा परियोजनाओं के लिए उपयुक्त तकनीक के चयन से जुड़े सुझाव भी शामिल होंगे। समिति यह भी सुनिश्चित करेगी कि प्रस्तावित पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों को प्रभावी निगरानी तंत्र के माध्यम से जमीन पर लागू किया जाए।
आदेश में यह भी कहा गया है कि समिति परमाणु ऊर्जा, रक्षा और अन्य रणनीतिक परियोजनाओं से जुड़े पर्यावरण प्रबंधन के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास के लिए उपयुक्त विषयों और क्षेत्रों का सुझाव देगी। प्रारंभिक जांच के लिए प्राप्त प्रस्तावों पर अपनी टिप्पणियां देना भी समिति के कार्यक्षेत्र में शामिल होगा।
पर्यावरणीय दृष्टि से समिति को यह अधिकार भी दिया गया है कि वह परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्प्लेक्स, रक्षा और संबंधित परियोजनाओं को मंजूरी देने या अस्वीकृत करने की सिफारिश कर सके। जिन परियोजनाओं को अस्वीकार करने की संस्तुति की जाएगी, उनके कारण स्पष्ट रूप से दर्ज करना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त, समिति को सौंपे गए अन्य किसी भी विषय पर विचार करने का अधिकार भी उसे प्राप्त होगा।
मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इस समिति का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील परियोजनाओं में पर्यावरण संरक्षण और विकास के बीच संतुलन सुनिश्चित करना है। ऐसे समय में जब देश में ऊर्जा, रक्षा और बुनियादी ढांचे से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं की संख्या बढ़ रही है, यह समिति उनके पर्यावरणीय प्रभावों की गंभीर और वैज्ञानिक समीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
रियर एडमिरल राणा उत्तराखंड के केदारनाथ घाटी क्षेत्र के पिल्लू गांव (जिला रुद्रप्रयाग) से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने गणित में एमएससी (गढ़वाल विश्वविद्यालय), एयरोस्पेस में पोस्ट ग्रेजुएशन (डीआईएटी, पुणे), रक्षा एवं सामरिक अध्ययन में एमएससी (मद्रास विश्वविद्यालय) तथा एमफिल (मुंबई विश्वविद्यालय) जैसी उच्च शैक्षणिक योग्यताएं प्राप्त की हैं। इसके अलावा उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन तथा नेवल वॉर कॉलेज, भारत से उच्च स्तरीय सैन्य प्रशिक्षण भी लिया है।
नौसेना में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान उन्होंने पारंपरिक और सामरिक हथियार प्रणालियों के डिजाइन, अनुसंधान एवं विकास, तकनीकी हस्तांतरण, उत्पादन, गुणवत्ता परीक्षण और स्वदेशीकरण से जुड़े महत्वपूर्ण दायित्व निभाए। वे डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (डीम्ड विश्वविद्यालय) में फैकल्टी और निदेशक (नौसेना) के रूप में भी कार्य कर चुके हैं, जहां उन्होंने सेना, नौसेना, वायुसेना के अधिकारियों और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिया है।
सेवानिवृत्ति के बाद रियर एडमिरल राणा ब्रह्मोस एयरोस्पेस में महाप्रबंधक एवं प्रमुख के रूप में कार्यरत रहे और पिलानी में लगभग 220 एकड़ में फैली अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन इकाई की स्थापना में अहम भूमिका निभाई। उन्हें विशिष्ट सेवा मेडल (वीएसएम) 2014 और अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) 2017 सहित कई राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है। उनकी नई नियुक्ति से रुद्रप्रयाग जिले के साथ ही उत्तराखंड के गौरव में श्रीवृद्धि हुई है। रियर एडमिरल (सेनि) ओपीएस राणा को नई जिम्मेदारी संभालने पर हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएं।
