केदारनाथ धाम : दो वर्ष बाद 23 किलो सोने के मामले में मंदिर समिति ने रखा अपना पक्ष

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उत्तराखंड के धाम केदारनाथ धाम मंदिर में अक्टूबर 2022 में सोने की परत चढ़ाने का काम पूरा हुआ था। जिसके बाद मुंबई के एक बिजनेसमैन ने 23 किलो सोना दान दिया था।

केदारनाथ धाम में मंदिर के गर्भ गृह को 23 किलों सोने से स्वर्ण मंडित करने का मामला इन दिनों चर्चाओं का विषय बना हुआ है। 2022 के बाद अब पहली बार मंदिर समिति ने आधिकारिक तौर पर साक्ष्यों के साथ अपना किया है। 14 करोड़ का केदारनाथ मंदिर में सोने के मामले को लेकर राजनीतिक हंगामा मचा हुआ है. पिछले दो सालों से लगातार इसको लेकर राजनीति हो रही है, लेकिन सवाल इस बात का है की आखिर मंदिर समिति को दो साल क्यों लगे इतनी सी बात बताने में। अब सोना चोरी को लेकर मंदिर समिति ने स्पष्टीकरण दिया है।

दो साल पहले केदारनाथ मंदिर से 23 किलो सोना चोरी होने का आरोप लगा था. केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित और चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने मंदिर को दान में मिला 23.78 किलो सोना चोरी होने का आरोप लगाया है. इस सोने को मंदिर के गर्भगृह की दीवार पर परत के रूप में लगाया गया था, जिसे मुंबई के एक बिजनेसमैन ने दान किया था।

केदारनाथ में अक्टूबर 2022 में सोने की परत चढ़ाने का काम पूरा हुआ था. इसके बाद ही मुंबई के एक बिजनेसमैन ने 23 किलो सोना दान दिया था। जिसके बाद मंदिर के गर्भगृह की दीवारों और छत को 550 किलो सोने की परत चढ़ाई गई थी।

केदारनाथ मंदिर समिति की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया गया है. इस में लिखा है, ”श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति (बीकेटीसी) ने श्री केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने पर सोशल मीडिया में फैलाये जा रहे भ्रम को षडयंत्र का हिस्सा बताया है। कहा है कि दानी दाता द्वारा श्री केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णजड़ित करने की इच्छा प्रकट की गयी थी। दानीदाता की भावनाओं का सम्मान करते हुए मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव का परीक्षण कर स्वर्णमंडित करने की अनुमति दी गयी।

बीकेटीसी ने स्पष्ट किया है कि बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम 1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप ही दानी दाता से दान स्वीकारा गया है और श्री केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने के लिए प्रदेश शासन से अनुमति ली गई। भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देख रेख में स्वर्ण मंडित करने का कार्य किया गया।

बीकेटीसी द्वारा केदारनाथ मन्दिर के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने की अनुमति दानी दाता की पावन भावना के अनुरूप दी गयी. बीकेटीसी ने यह भी स्पष्ट किया है कि गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य स्वयं दानी दाता ने अपने स्तर से किया है। दानी दाता द्वारा अपने स्तर से ज्वैलर्स से तांबे की प्लेटें तैयार करवाई गई और फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई गई. दानी दाता ने अपने ज्वैलर्स के माध्यम से ही इन प्लेटों को मंदिर में स्थापित कराया।

सोना खरीदने से लेकर दीवारों पर जड़ने तक का सम्पूर्ण कार्य दानी द्वारा कराया गया. मन्दिर की इसमें कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी। अर्थात् सारा कार्य दानीदाता द्वारा किया गया। दानी दाता द्वारा अपने स्वर्णकार के माध्यम से गर्भ गृह में लगाई गई स्वर्ण व तांबे की प्लेटों के आधिकारिक बिल व बाउचर बीकेटीसी को कार्य पूर्ण होने के पश्चात दे दिए गए थे। बीकेटीसी द्वारा नियमानुसार इसे स्टॉक बुक में दर्ज किया गया है। दानस्वरूप किए गए कार्य हेतु दानी व्यक्ति अथवा किसी फर्म द्वारा बीकेटीसी के समक्ष किसी प्रकार की शर्त नहीं रखी गई और ना ही दानी दाता ने बीकेटीसी से आयकर अधिनियम की धारा-80 जी का प्रमाण पत्र मांगा।

उक्त दानी दाता द्वारा वर्ष 2005 में श्री बदरीनाथ मन्दिर गर्भगृह को भी स्वर्ण जड़ित किया गया था। मगर वर्तमान समय में एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत विद्वेषपूर्ण आरोप लगाये जा रहे हैं। यह सर्वविदित है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के मार्गदर्शन में सुव्यवस्थित यात्रा संचालन के कारण यात्री संख्या में भारी वृद्धि हुई है। खास कर श्री केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है. यह बात क्षुद्र राजनीतिक तत्वों को रास नहीं आ रही है। ऐसे तत्व यात्रा को प्रभावित करने और केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल करने के लिए भ्रम फैला रहे हैं बीकेटीसी इस प्रकार का दुष्प्रचार करने वालों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करेगी।

श्री केदारनाथ मन्दिर के गर्भगृह की दीवारों एवं जलेरी को स्वर्णमण्डित करवाये जाने का कार्य वर्ष 2022 में एक दान-दाता के सौजन्य से संपादित करवाया गया है। वर्तमान में कतिपय व्यक्तियों द्वारा एक वीडियो सोशल मीडिया में प्रचारित किया जा रहा है कि रू० 1,15,00,00,000.00 (रू० एक अरब पन्द्रह करोड़ मात्र) मूल्य का सोना मन्दिर के गर्भगृह में लगाया गया है तथा बिना तथ्यों के भ्रामक जानकारी प्रसारित कर जनमानस की भावनाओं को आहत किये जाने का प्रयास किया जा रहा है।

उक्त के सम्बन्ध में श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति स्पष्ट करना चाहती है कि श्री केदारनाथ मन्दिर के गर्भगृह में एक दानीदाता के सौजन्य से कुल 23,777.800 ग्राम सोना लगाया गया है, जिसका वर्तमान मूल्य बाजार भाव के अनुसार लगभग रू0 14.38 करोड़ है तथा स्वर्णमण्डित कार्य हेतु प्रयुक्त कॉपर प्लेटों का कुल वजन 1,001.300 किलोग्राम है, जिसका कुल मूल्य रू0 29,00,000.00 (रू० उनतीस लाख मात्र) है।

अतः श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति उक्त के सम्बन्ध में सोशल मीडिया में प्रसारित की जारी भ्रामक जानकारी का खण्डन करती है। इसके अतिरिक्त उक्त भ्रामक जानकारी फैलाने पर नियमानुसार विधिक कार्यवाही भी की जा रही है।”

 

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