देहरादून:
उत्तराखंड खेल विभाग द्वारा आज दिनांक 30 अक्टूबर 2024 को देहरादून के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में उत्तराखंड राज्य सतर्कता जागरूकता सप्ताह के तहत एक विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर विशेषकर खिलाड़ियों और कार्यालय के कर्मचारियों लिए रखा गया था जिसका मुख्य उद्देश्य उन्हें सतर्कता जागरूकता के महत्व से अवगत कराना है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए युवा प्रतिभागियों को ईमानदारी, नैतिकता और भ्रष्टाचार से बचने के तरीके सिखाए गए, ताकि वे अपने जीवन में सही मूल्यों को अपनाकर एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें।
विशेष प्रमुख सचिव श्री अमित सिन्हा ने एक विशेष शिविर में प्रतिभागियों को सतर्कता और भ्रष्टाचार के निवारण के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं है, बल्कि यह समाज और राष्ट्र के विकास में गंभीर बाधा डालता है।
श्री अमित सिन्हा ने भ्रष्टाचार से बचने के तरीकों पर चर्चा करते हुए नैतिकता और ईमानदारी के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में नैतिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए, ताकि समाज में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकें। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार समाज के हर वर्ग को प्रभावित करता है और इससे विकास की गति धीमी हो जाती है।
विशेष प्रमुख सचिव खेल सचिव श्री अमित सिन्हा ने प्रतिभागियों को जागरूक रहने और समाज में पारदर्शिता को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया। उन्होंने साझा किया कि ईमानदारी और नैतिकता से व्यक्ति न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन को समृद्ध बना सकता है, बल्कि समाज के हित में भी काम कर सकता है।
साथ ही उत्तराखंड में सतर्कता जागरूकता सत्र में पुलिस अधीक्षक सतर्कता सेक्टर देहरादून श्रीमती रेनू लोहानी ने प्रदेश में भ्रष्टाचार के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार कई कारणों से उत्पन्न होता है और इसे रोकने के लिए सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ आम जनता को भी जागरूक होना आवश्यक है। श्रीमती लोहानी ने सरकारी संस्थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार के स्रोतों पर प्रकाश डाला और इनसे निपटने के तरीकों पर भी सुझाव दिए।
शिविर का मुख्य उद्देश्य लोगों में सतर्कता और जागरूकता का संचार करना था, ताकि वे भ्रष्टाचार से बचने के लिए उचित कदम उठा सकें और एक मजबूत, स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान दे सकें।
शिविर में भाग लेने वाले विभागीय अधिकारियों, खिलाड़ियों और छात्र-छात्राओं को व्यावहारिक उदाहरणों और शिक्षाप्रद कहानियों के माध्यम से यह भी समझाया गया कि जीवन में ईमानदारी को कैसे बनाए रखा जा सकता है और भ्रष्टाचार से दूर रहकर कैसे एक स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सकता है।
इस सत्र में 38वें राष्ट्रीय खेलों के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अजय कुमार अग्रवाल, सहायक निदेशक खेल श्री राजेश ममगाईं, सहायक निदेशक खेल श्री संजीव पोरी एवं पुलिस सतर्कता विभाग के पुलिस उपाधीक्षक सतर्कता मुख्यालय, श्री तुषार बोरा निरीक्षक, श्री चंद्रचंद्रकर नैथानी निरीक्षक सतर्कता व श्री कीर्ति श्रीवास्तव निरीक्षक भी शामिल रहे।