यूसर्क द्वारा लर्निंग ट्री विद्यालय के साथ सयुक्त रूप से नालंदा कॉलेज, मियांवाला में दिब्यांग बच्चों को विज्ञान को रुचिपूर्वक पढ़ाने हेतु हैंड्स ऑन ट्रेनिंग कार्यशाला का आयोजन ।
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) द्वारा लर्निंग ट्री स्कूल, स्पेक्स संस्था तथा नालंदा कॉलेज के साथ सहयोगात्मक रूप से दिब्यांग बच्चों को विज्ञान के प्रयोगों को रुचिपूर्ण तरीकों से करवाने हेतु नालंदा कॉलेज ऑफ एजुकेशन, मियांवाला, देहरादून में दिब्यांग बच्चों को विज्ञान शिक्षण हेतु बी. एड. प्रशिक्षु एजुकेटर’ हेतु विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला “Hands-on-Training in Science Activities For Children with Special Needs”
का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में प्रशिक्षणार्थियों को *स्वयं करके सीखें Do it yourself* के आधार विभन्न वैज्ञानिक उपकरणों को किट के रूप में प्रदान कर प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, निदेशक यूसर्क प्रो. (डा.) अनीता रावत ने कहा कि यूसर्क द्वारा प्रदेश में स्तरीय विज्ञान शिक्षा के प्रसार हेतु कई कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। इसी क्रम में दिव्यांग छात्रों को समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित करने एवं उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु भी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, आज की यह कार्यशाला हमारे भविष्य के शिक्षकों को सामान्य बच्चों के साथ ही दिव्यांग बच्चों हेतु विज्ञान शिक्षण किस प्रकार किया जा सकता है, को सिखाने में सफल होगी।
उन्होंने यूसर्क द्वारा प्रदेश के छात्रों हेतु विज्ञान शिक्षा व अनुसंधान के क्षेत्र में किए जा रहे विभिन्न प्रयासों की भी चर्चा की।
यूसर्क वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश नौटियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रशिक्षु शिक्षक भावी अध्यापक है, जिनको समाज को बनाने, सुधारने एवं संवारने का सौभाग्यशाली कार्य नियत किया गया है, जिसे उन्हें बड़ी निष्ठा, ईमानदारी व समर्पण भाव से करना होगा। मन के सच्चे एवम पवित्र आत्मा वाले हमारे दिव्यांग बच्चों में हमें एक विशिष्ट प्रतिभा की पहचान कर उनमें वैज्ञानिक अभिवृत्ति का विकाश कर उनको विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी की सहायता से स्वाबलंबी बनाने हेतु प्रयास करने होंगे।
लर्निंग ट्री विद्यालय की प्रधानाचार्य डा. शिवानी कोटनाला ने यूसर्क संस्था एवम उसके निदेशक प्रो. अनिता रावत का दिव्यांग छात्रों हेतु विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन हेतु आभार व्यक्त किया।
स्पेक्स संस्था के संस्थापक व सचिव डा. बृज मोहन शर्मा ने बताया कि लर्निंग दिव्यांग छात्र-छात्राओं को शिक्षण प्रदान करने हेतु विज्ञान के प्रयोगों को सिखाने वाली यह कार्यशाला मील का पत्थर सिद्ध होगी।
कार्यशाला के संयोजक डाॅ0 आर0 के0 थपलियाल ने कार्यशाला के विषय वस्तु पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में स्मार्ट लैब के ईं. सौरभ एवं श्री राघव द्वारा स्मार्ट लैब की आवश्यकता एवं महत्व से अवगत कराते हुए प्रशिक्षण प्रदान किया। कार्यशाला में प्रशिक्षणार्थियों को ‘चिल्ड्रन विद स्पेशल नीड’ अर्थात दिव्यांग छात्रों को वैज्ञानिक क्रिया-कलापो के माध्यम शिक्षण एवं विषेश पठ्न सामग्री का निर्माण तथा विशेष शिक्षा सम्बन्धी गतिविधियों पर प्रशिक्षण व हैंड्स ऑन ट्रेनिंग प्रदान की गई। विषेश छात्रों की शिक्षा के लिए कक्षा शिक्षण को प्रभावशाली बनाने हेतु कार्यशाला में प्रतिभागियों को विभिन्न क्रिया-कलाप कराये गये। प्रशिक्षण के अंतिम चरण में हैंड्स ऑन ट्रेनिंग में बनाई गयी अधिगम सामग्री का उपयोग करके कार्यशाला में उपस्थित दिव्यांग छात्र- छात्राओं को शिक्षण कराया गया। अन्त में प्रतिभागियों ने समूह में अपने द्वारा किये गये कार्य का प्रर्दशन किया।
विज्ञान प्रशिक्षण कार्यशाला में विभिन्न महाविद्यालयों व स्पेशल स्कूल्स के 40 से अधिक बी.एड. के प्रशिक्षुओ, स्पेशल एजुकेटर व दिब्यांग छात्रों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
कार्यशाला में यूसर्क वैज्ञानिक डा. ओम प्रकाश नौटियाल, स्पेक्स संस्था के संस्थापक डा. बी. एम. शर्मा, डाॅ0 आर0 के0 थपलियाल, चेयरमैन, डा. शिवानी कोटनाला, प्रिंसिपल, लर्निंग ट्री स्कूल, डाॅ. देवयानी रावत, निदेशक, नालन्दा कालेज ऑफ लजुकेशन, प्राचार्या डाॅ. बिृजेश रानी, श्रीमती सपना शर्मा एवं नालन्दा कालेज के समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे।