कूनो / मध्यप्रदेश :
कूनो नेशनल पार्क से एक बड़ी और खुशी की खबर सामने आई है, जहां भारत में जन्मी पहली मादा चीता ‘मुखी’ ने पांच स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। सिर्फ 33 महीने की उम्र में मुखी का यह प्रसव चीता संरक्षण परियोजना के लिए बेहद महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में ही जन्मी किसी मादा चीता द्वारा दूसरी पीढ़ी के शावकों को जन्म देना यह दर्शाता है कि कूनो का पर्यावरण चीतों के अनुकूल होता जा रहा है और संरक्षण की दिशा में सरकार के प्रयास सफल हो रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, मुखी ने पूरी तरह प्राकृतिक माहौल में शावकों को जन्म दिया और उनका व्यवहार भी पूरी तरह सामान्य देखा गया है। पार्क के अधिकारियों ने बताया कि मादा चीता इन दिनों शावकों के साथ सुरक्षित स्थान पर है और उन्हें किसी तरह की मानवीय दखलंदाजी से बचाने के लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। टीम लगातार दूर से निगरानी कर रही है, ताकि शावकों के शुरुआती दिनों में उन्हें पूरी सुरक्षा मिल सके। विशेषज्ञ यह भी कह रहे हैं कि पांच शावकों का जन्म होना प्रजनन क्षमता के लिहाज़ से बेहद उत्साहजनक संकेत है।
चीता प्रोजेक्ट के तहत पिछले कुछ वर्षों में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को बसाने का बड़ा प्रयास किया गया है। विदेशों से आयातित चीतों के अलावा, भारत में जन्मी नई पीढ़ी का बढ़ना इस परियोजना की वास्तविक सफलता को दिखाता है। मुखी के शावकों के आने से न सिर्फ कूनो पार्क में चीता संख्या बढ़ेगी, बल्कि भारत में चीतों के पुनर्वास और संरक्षण को एक नई गति भी मिलेगी। वन विभाग ने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ेगी, जिससे भारत के वाइल्डलाइफ़ संरक्षण प्रयासों को मजबूत आधार मिलेगा।
