रूस के प्रायद्वीप में 8.7 तीव्रता का भूकंप, अमेरिका से जापान तक सुनामी की चेतावनी जारी

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भूकंप ने मचाई तबाही: रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.7 तीव्रता का शक्तिशाली झटका, अमेरिका से जापान तक सुनामी की चेतावनी जारी

कामचटका (रूस), 30 जुलाई 2025
रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका प्रायद्वीप में बुधवार सुबह रिक्टर स्केल पर 8.7 तीव्रता का भीषण भूकंप आया, जिससे पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई। इस शक्तिशाली भूंकप के झटके इतने तीव्र थे कि प्रशांत महासागर क्षेत्र के देशों में भी खतरे की घंटी बज गई है। अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस तक सुनामी की चेतावनी जारी की गई है।

भूकंप का केंद्र और गहराई

भूकंप का केंद्र कामचटका प्रायद्वीप के पूर्वी तट से लगभग 300 किलोमीटर दूर प्रशांत महासागर में स्थित था। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप समुद्र की सतह से करीब 80 किलोमीटर गहराई में आया, जिसे मेगाथ्रस्ट भूकंप की श्रेणी में रखा गया है — यानी ऐसा भूकंप जो समुद्र के नीचे प्लेटों के टकराव से उत्पन्न होता है और सुनामी की सबसे अधिक आशंका पैदा करता है।

प्रभावित क्षेत्र और तत्काल प्रभाव

कामचटका क्षेत्र में इमारतें हिल गईं, बिजली आपूर्ति बाधित हुई और लोगों में अत्यधिक दहशत देखी गई। स्थानीय प्रशासन ने तटीय क्षेत्रों में रह रहे लोगों से जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की है। आपातकालीन सेवाएं सक्रिय हो चुकी हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

सुनामी अलर्ट और संभावित खतरे

भूकंप के तुरंत बाद प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र (PTWC) ने चेतावनी जारी की कि अगले कुछ घंटों में:

  • जापान के होक्काइदो और होंशू तट

  • अमेरिका का अलास्का और पश्चिमी तट

  • फिलीपींस, इंडोनेशिया, और दक्षिण कोरिया

में 3 से 5 मीटर तक ऊँची लहरें उठ सकती हैं। लोगों को समुद्र तट से दूर रहने और ऊँचाई वाले क्षेत्रों की ओर जाने की सलाह दी गई है।

सरकारों की तैयारी और सतर्कता

  • जापान और दक्षिण कोरिया की सरकारों ने तटीय इलाकों में रेल और हवाई सेवाएं स्थगित कर दी हैं।

  • अमेरिका में NOAA ने अलास्का और हवाई के लिए अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि जरूरत पड़ने पर आबादी को स्थानांतरित किया जाएगा।

  • रूस में आपदा प्रबंधन एजेंसी EMERCOM ने विशेष राहत बलों को कामचटका में तैनात कर दिया है।

वैज्ञानिकों की चेतावनी

भूगर्भ वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप के बाद आने वाले आफ्टरशॉक्स (परवर्ती झटके) और भी खतरनाक हो सकते हैं। साथ ही, यदि समुद्र के नीचे बड़े पैमाने पर डिसप्लेसमेंट हुआ है, तो सुनामी की तीव्रता और दिशा अगले कुछ घंटों में और स्पष्ट होगी।

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