देहरादून:
राज्य की द्वितीय राजभाषा संस्कृत के संरक्षण-संवर्धन एवं संस्कृत को जनभाषा बनाने के उद्देश्य से सरकार के द्वारा उत्तराखंड सचिवालय परिसर में ‘संस्कृत संभाषण शिविर’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसका शुभारम्भ राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के द्वारा सभी कैबिनेट मंत्रियों एवं मुख्य सचिव की उपस्थिति में किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अपनी संस्कृति व संस्कृत भाषा के संरक्षण व प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य को लेकर हमने 13 जनपदों में 13 संस्कृत ग्राम विकसित किये जा रहे हैं, जिसके शीघ्र ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगे। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के माध्यम से वेद, दर्शन, उपनिषद् आदि प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परा से जनसामान्य को जोडने हेतु अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं।
संस्कृत भाषा का संरक्षण व संवर्धन करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। इस अवसर पर सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार गैरोला ने बताया कि सचिवालय परिसर में प्रथम बार दिनांक 29 मई से 12 जून तक संस्कृत संभाषण कक्षाओ का संचालन किया जा रहा है। जिसमें सचिवालय के अधिकारियों व कार्मिकों को संस्कृत संभाषण का अभ्यास कराया जाएगा। जिसके लिए सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा भी निर्देश जारी किये गये हैं।
इस अवसर पर मुख्यसचिव आनन्दवर्धन, सचिव माननीय मुख्यमंत्री विनयशंकर पाण्डेय, उपसचिव प्रदीप मोहन नौटियाल, अनुसचिव गीता शरद,उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के सचिव वाजश्रवा आर्य, चण्डीप्रसाद घिल्डियाल, अनसूयाप्रसाद सुन्दरियाल,हरीश गुरुरानी , ओमप्रकाश भट्ट आदि उपस्थित रहे।