पंजाब के एक किसान के बेटे तजिंदरपाल सिंह तूर ने अपने अथक संघर्ष और कड़ी मेहनत से न सिर्फ अपनी काबिलियत को साबित किया, बल्कि भारतीय खेलों में एक नई मिसाल भी पेश की है। उन्होंने हाल ही में 38वें नेशनल गेम्स के तहत आयोजित शॉट पुट प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया।
तजिंदरपाल सिंह तूर को अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। तजिंदरपाल सिंह तूर, जिनके पिता एक किसान हैं, ने इस सफलता के लिए कठिन रास्ता तय किया। शुरुआत में उनके पास खेल सामग्री जैसे जूते और अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। कोई स्पॉन्सर नहीं था और न ही कोई नौकरी थी। बावजूद इसके, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और कठिनाईयों के बावजूद अपने सपनों को साकार किया।
तजिंदरपाल के मुताबिक, “शुरुआत में मुझे काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा क्योंकि मैं एक किसान का बेटा हूँ लेकिन मेरे अंदर जीत की ललक थी। सात महीने पहले मुझे एक गंभीर चोट लगी थी, लेकिन मैंने उसे भी अपनी ताकत बना लिया और गोल्ड मेडल जीतने का सपना पूरा किया।”
उनका कहना है कि उनका हर कदम संघर्ष से भरा था, लेकिन उन्होंने कभी भी खुद को कमजोर महसूस नहीं होने दिया। शुरुआती दौर में उनका एकमात्र आय का साधन खेती था, लेकिन अब वह पंजाब पुलिस में डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं।
आज तजिंदरपाल का यह संदेश है कि “अगर मैं एक सामान्य परिवार से होकर गोल्ड मेडल जीत सकता हूं, तो दुनिया में कोई भी ऐसा नहीं है जो संघर्ष करे और अपने लक्ष्य को हासिल न कर सके।”
उनकी इस प्रेरणादायक कहानी ने यह सिद्ध कर दिया कि मेहनत, समर्पण और विश्वास से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। तजिंदरपाल सिंह तूर की सफलता न केवल पंजाब बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
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फ़ोटो सौजन्य: पवन नेगी
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संवाददाता
देवांशी सिंह
देवांशी सिंह दून विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य की एमए की छात्रा हैं। उन्हें साहित्य और पत्रकारिता में गहरी रुचि है। अपनी रचनात्मकता और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण से, देवांशी युवा साहित्यिक एवं पत्रकारिता क्षेत्र में एक उभरती हुई आवाज बनकर सामने आ रही हैं।