देहरादून:
उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट), देहरादून एवं उत्तराखंड जल संस्थान, देहरादून के संयुक्त तत्वाधान में जल जीवन मिशन के अंतर्गत 26 जिला एवं उपखंड प्रयोगशालाओं के कार्मिकों के लिए एक तीन दिवसीय राज्य स्तरीय जल गुणवत्ता प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन किया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि विकासनगर विधायक श्री मुन्ना सिंह चौहान ने किया। अपने व्याख्यान में उन्होंने जल गुणवत्ता संबंधी चुनौतियों पर चर्चा की और कहा कि हमें जल प्रदूषण के विभिन्न कारकों—जैसे बैक्टीरियल संक्रमण, रासायनिक प्रदूषण और माइक्रोप्लास्टिक्स—पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने जल संरक्षण के उपायों पर जोर देते हुए कहा कि हमें अपने दैनिक जीवन में जल का सही उपयोग, जल संचयन और जल पुनर्चक्रण के लिए प्रयास करना होगा।
इस अवसर पर पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने पर्यावरण और जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण हमारे भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने कार्यशाला में उपस्थित सभी लैब कार्मिकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यशाला उत्तराखंड में जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि हमारा उद्देश्य जल संसाधनों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाना और क्षमता निर्माण करना है।
उत्तराखंड जल संस्थान के सचिव अप्रेजल, ई. मनीष सेमवाल ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत उत्तराखंड की जल गुणवत्ता जांच की स्थिति पर विचार रखे। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत सभी 26 लैबों द्वारा राज्य के सभी गांवों, नगरों और स्रोतों में टेस्टिंग की जा रही है।
भारत सरकार के विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के पूर्व सलाहकार डॉ. देबप्रिय दत्ता ने जल गुणवत्ता जागरूकता और नई नीतियों की आवश्यकता पर चर्चा की।
इस दौरान यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक, डॉ. डी.पी. उनियाल ने उत्तराखंड में जल की गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव पर एक विशेष व्याख्यान दिया और यूकॉस्ट द्वारा किए जा रहे विशेष कार्यों पर प्रतिभागियों से चर्चा की।
कार्यक्रम का समापन प्रो. प्रशांत सिंह, डी.ए.वी. महाविद्यालय व परियोजना समन्वयक के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी विशिष्ट अतिथियों एवं आयोजकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनमोहन सिंह रावत, वैज्ञानिक अधिकारी यूकॉस्ट द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. विकास कंडारी, अर्चित पाण्डेय, डॉ. आशुतोष शर्मा आदि उपस्थित रहे।
इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में 26 जल गुणवत्ता प्रयोगशालाओं से आए सभी कार्मिकों को विभिन्न विशेषज्ञ व्याख्यान एवं लैब के नए आयामों से परिचित कराया जाएगा।