पिथौरागढ़ में “सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव” में जुटे बाल वैज्ञानिक

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पिथौरागढ़: 

पिथौरागढ़ के जवाहर नवोदय विद्यालय में “तृतीय सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव 2024” का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय राज्यमंत्री श्री अजय टम्टा और युकॉस्ट (उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद) के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत उपस्थित रहे। यह दो दिवसीय महोत्सव उत्तराखंड के सीमांत जनपदों से आए बच्चों को विज्ञान के प्रति रुचि और ज्ञान को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।

इस विज्ञान महोत्सव को पिथौरागढ़ में आयोजित करने का विशेष उद्देश्य यह है कि यह जगह प्रसिद्ध भूवैज्ञानिक पद्मश्री और पद्मविभूषण प्रो. खड़ग सिंह वल्दिया की जन्मभूमि है। प्रो. वल्दिया ने भूविज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया और देश-विदेश में अपना नाम स्थापित किया। उनका कार्य उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है, विशेषकर उनके द्वारा किए गए शोध कार्य जिनमें पर्वतीय क्षेत्रों के प्राकृतिक संसाधनों, भूगर्भीय संरचनाओं और जलवायु संबंधी बदलावों को समझने का प्रयास किया गया।

इस महोत्सव में उत्तराखंड के छह सीमांत जनपदों – उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चंपावत, और पिथौरागढ़ से आए विद्यार्थियों ने भाग लिया। विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों, प्रदर्शनी, प्रयोगशाला परीक्षण, और शैक्षिक चर्चाओं के माध्यम से बच्चों को विज्ञान की समझ को और गहरा किया गया।

मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्यमंत्री श्री अजय टम्टा ने इस अवसर पर बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में नई संभावनाओं को खोजने और समाज के लिए कुछ नया करने का जज़्बा ही सच्ची विज्ञान साधना है। उन्होंने प्रो. खड़ग सिंह वल्दिया के योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि सीमांत क्षेत्रों के बच्चों के लिए यह महोत्सव नए अनुभवों का स्रोत बनेगा, जिससे वे भविष्य में वैज्ञानिक शोध और नवाचार की ओर प्रेरित होंगे।

युकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने इस अवसर पर कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि सीमांत क्षेत्रों के स्कूलों से आए बाल वैज्ञानिकों को प्रो. वल्दिया के शोध कार्यों से जोड़ने और उनके कार्यों से प्रेरणा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उनके अनुसार, यह महोत्सव न केवल बच्चों को विज्ञान के प्रति जागरूक बनाएगा बल्कि उनकी वैज्ञानिक प्रतिभाओं को सामने लाने का भी एक प्रयास है।

इस प्रकार “तृतीय सीमांत पर्वतीय बाल विज्ञान महोत्सव 2024” उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों के बच्चों के लिए एक प्रेरणा और नई संभावनाओं का द्वार है, जो न केवल उन्हें विज्ञान के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराएगा बल्कि उनके भविष्य को भी उज्जवल बनाएगा।
इस अवसर पर डॉ नवीन जोशी, डॉ जगबीर असवाल, डॉ मनोज कन्याल, श्री विकास नौटियाल, श्री रामदेव ghuniyal, श्री संतोष रावत, प्रो एन एस भंडारी, श्री अशोक पंत, डॉ डी के पांडे तथा जिलाधिकारी पिथौरागढ़ आदि मौजूद रहे|

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