नई दिल्ली, 13 मई 2025:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते सोमवार को रात्री 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और उसके रणनीतिक पहलुओं की जानकारी दी। इस ऐतिहासिक भाषण में पीएम मोदी ने पाकिस्तान के साथ हाल ही में हुए सीज़फायर समझौते के पीछे की पूरी कहानी का भी खुलासा किया।
भारत की जवाबी कार्रवाई से घबराया पाकिस्तान
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि भारत की सख्त और आक्रामक सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को गहरा झटका लगा। सीमा पार आतंकवाद को संरक्षण देने और भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमलों का खामियाजा जब पाकिस्तान ने भुगता, तब वह “बचने के रास्ते” खोजने लगा।
पीएम मोदी ने कहा
“10 मई की दोपहर को पाकिस्तान की सेना ने हमारे डीजीएमओ (DGMO) से संपर्क किया और गुहार लगाई कि भारत अपनी कार्रवाई रोक दे। पाकिस्तान ने यह आश्वासन दिया कि आगे उसकी ओर से किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधि या सैन्य दुस्साहस नहीं किया जाएगा।”
भारत का रणनीतिक फैसला: अस्थायी विराम
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की इस अपील और उसकी कमजोर स्थिति को देखते हुए भारत ने सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद अपनी सैन्य कार्रवाई को अस्थायी रूप से स्थगित करने का निर्णय लिया। हालाँकि, उन्होंने दो टूक कहा कि यह स्थगन कोई नरमी नहीं है बल्कि एक रणनीतिक निर्णय है।
“हमने पाकिस्तान के आतंकी केंद्रों और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को फिलहाल स्थगित किया है। लेकिन हम उनकी हर हरकत पर नजर बनाए हुए हैं। आने वाले दिनों में पाकिस्तान के हर कदम को हम परखेंगे। अगर उसने फिर से कोई ग़लती की, तो जवाब और भी करारा होगा।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि
‘ऑपरेशन सिंदूर’ हाल ही में भारतीय सेना द्वारा सीमापार आतंकवाद के खिलाफ चलाया गया एक विशेष सैन्य अभियान था। इसमें भारत ने कई आतंकी ठिकानों और पाकिस्तान की सैन्य चौकियों को निशाना बनाया। सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में भारी नुकसान हुआ है, खासकर पाकिस्तान की ओर।
पाकिस्तान की माफी की मुद्रा और भारत की चेतावनी
प्रधानमंत्री ने बताया कि पाकिस्तान ने एक तरह से “गिड़गिड़ाकर” भारत से आग्रह किया कि वह अपनी सैन्य कार्रवाई रोके। यह भारत की सैन्य और कूटनीतिक रणनीति की बड़ी सफलता मानी जा रही है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि:
“हम शांति के पक्षधर हैं, लेकिन अपनी संप्रभुता पर आंच नहीं आने देंगे। अगर पाकिस्तान ने फिर से आतंकवाद का सहारा लिया, तो भारत का जवाब पहले से भी अधिक निर्णायक होगा।”