देहरादून:
उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) द्वारा आज आंचलिक विज्ञान केंद्र, देहरादून में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया। इस वर्ष आयोजन की थीम रही – “यंत्र–युगांतर : नवाचार, अनुसंधान और तीव्रता की ओर”। कार्यक्रम में भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (IIRS) के वैज्ञानिक डॉ. हरीश चंद्र कर्नाटक, पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. दिनेश त्यागी, IIRS के वैज्ञानिक डॉ. सी.एम. भट्ट, तथा डॉ सामंत रे, गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के स्वागत उद्बोधन में यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक डॉ. डी.पी. उनियाल ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि आज प्रौद्योगिकी जीवन के प्रत्येक क्षेत्र स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, आपदा प्रबंधन का अनिवार्य हिस्सा है।
यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने युवाओं से यूकॉस्ट के मंचों और सहायता प्रणालियों का लाभ उठाकर अपने विचारों को सस्टेनेबल स्टार्ट-अप्स में बदलने का आह्वान किया।अपने उद्बोधन में डॉ. हरीश चंद्र कर्नाटक ने “अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और इसके अनुप्रयोगों” पर प्रस्तुतीकरण दिया और इसरो की अब तक की यात्रा से सबको अवगत भी कराया । उन्होंने इसरो के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे उपग्रह प्रक्षेपण, पृथ्वी अवलोकन प्रणाली, और भौगोलिक सूचना तकनीकों पर जानकारी दी। साथ ही छात्रों को इसरो के जियो-पोर्टल्स और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से अवगत कराते हुए, उन्हें अंतरिक्ष क्षेत्र में करियर अवसरों की खोज के लिए प्रोत्साहित किया।
पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. दिनेश त्यागी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी को जीवनशैली में बदलाव और सतत विकास का आधार बताया। उन्होंने ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी को व्यवसायिक मॉडल में बदलने के व्यावहारिक और नवाचारी विचार साझा किए।
कार्यक्रम का समापन यूकॉस्ट के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. मनमोहन रावत द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों के योगदान की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन यूकॉस्ट की वैज्ञानिक अधिकारी सुश्री जागृति उनियाल द्वारा किया गया। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का यह आयोजन उत्तराखंड के युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ केवल पठन-पाठन ही नहीं, बल्कि सार्थक परिवर्तन लाने के एक प्रभावशाली माध्यम के रूप में जुड़ने के लिए प्रेरित करने वाला मंच सिद्ध हुआ। इस अवसर पर विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के 200 से अधिक छात्र- छात्राएं और शिक्षक तथा परिषद के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे ।