नई दिल्ली:
भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज और क्रिएटिव जीनियस पीयूष पांडे का शुक्रवार को मुंबई में निधन हो गया है । वह 70 वर्ष के थे। उनके निधन की खबर के बाद पूरे विज्ञापन जगत और कॉरपोरेट जगत में शोक की लहर है।
पीयूष पांडे को भारतीय विज्ञापन इंडस्ट्री का चेहरा कहा जाता था। उन्होंने अपने रचनात्मक विचारों और जोश से न सिर्फ भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारतीय विज्ञापन को नई पहचान दिलाई। वह ओगिल्वी इंडिया (Ogilvy India) के चेयरमैन एमेरिटस और ग्लोबल चीफ क्रिएटिव ऑफिसर रह चुके थे।
उनकी बनाई गई कई विज्ञापन पंक्तियाँ भारतीय जनमानस में अमर हो चुकी हैं। इनमें सबसे प्रसिद्ध रहा भाजपा का चुनावी नारा “अबकी बार, मोदी सरकार”, जिसने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन्होंने ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’, ‘फेविकोल का जोड़’, ‘एशियन पेंट्स – हर घर कुछ कहता है’, और ‘कैडबरी – कुछ मीठा हो जाए’ जैसे यादगार अभियानों का निर्माण किया।
पीयूष पांडे की मृत्यु की खबर की पुष्टि उनके करीबी मित्र और जाने-माने लेखक-सोशल कमेंटेटर सुहेल सेठ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर की। सुहेल सेठ ने लिखा –
“मेरे सबसे प्यारे दोस्त पीयूष पांडे जैसे प्रतिभाशाली व्यक्ति के निधन से मैं बेहद दुखी और स्तब्ध हूं। भारत ने एक महान विज्ञापन जगत की हस्ती नहीं, बल्कि एक सच्चे देशभक्त और एक बेहतरीन इंसान को खोया है। अब जन्नत में भी गूंजेगा ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा।’”
उनकी इस पोस्ट पर हजारों लोगों ने प्रतिक्रिया दी और पीयूष पांडे को श्रद्धांजलि अर्पित की। कई उद्योग जगत के नेताओं, फिल्मी सितारों और राजनीतिक हस्तियों ने भी उनके निधन पर शोक जताया।
पीयूष पांडे को 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। क्रिकेट की दुनिया से उनका भी गहरा नाता था — उन्होंने भारतीय टीम के लिए भी कई प्रतिष्ठित विज्ञापन कैंपेन बनाए थे।
उनका जीवन रचनात्मकता, सादगी और भारतीयता का अद्भुत मिश्रण था। वे जयपुर में पले-बढ़े और पहले एक क्रिकेटर रहे, बाद में उन्होंने विज्ञापन की दुनिया में कदम रखा।
उनके जाने से भारतीय विज्ञापन जगत ने एक ऐसी आवाज़ खो दी है, जिसने भारत के ब्रांड्स को न सिर्फ बाजार में, बल्कि लोगों के दिलों में जगह दिलाई।
