उत्तरकाशी:
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए बस हादसे की जांच में कई अहम वजह निकल कर सामने आई है। डामटा में यमुनोत्री नेशनल हाईवे 123 पर हुई सड़क दुर्घटना का सेफ्टी ऑडिट करने आई टीम ने तीव्र मोड़ पर ओवर स्पीड को हादसे का प्रमुख कारण माना है। वाहनों का भारी दबाव होने के बावजूद सड़क का पर्याप्त चौड़ा न होना और क्रैश वैरियर की कमी को सड़क सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर ख़ामी माना गया है।
आपको बता दें कि यमुनोत्री हाइवे पर रविवार शाम डामटा के पास एक बस के गहरी खाई में गिर जाने से 26 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और चालक समेत चार गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को डामटा के अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद टीम बुधवार को वापस नई दिल्ली लौट गई है। यह टीम अब इस हादसे वाले स्थान को लेकर जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को देगी और उसके बाद इस संदर्भ में आगे की कार्रवाई होगी। विदित है कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने सेव लाइफ फाउंडेशन की तीन सदस्यीय टीम को डामटा हादसे का सेफ्टी ऑडिट करने के लिए भेजा था।
यह टीम घटनास्थल का दौरा करने के बाद वापस लौट गई है। सूत्रों ने बताया कि टीम ने हादसे वाले स्थल का निरीक्षण करने के बाद प्राथमिक तौर पर दुर्घटना के लिए तीखे मोड़ पर ओवर स्पीड होने की आशंका जताई है। साथ ही वाहनों के दबाव को देखते हुए सड़क के पर्याप्त चौड़ा न होने और सड़क के किनारे क्रैश वैरियर न होने को भी गंभीर खामी माना है।
निरीक्षण के दौरान स्थानीय अधिकारियों ने टीम को बताया कि दुर्घटना स्थल पर पूर्व में भी दो बड़े हादसे हो चुके हैं। हालांकि टीम की ओर से अभी तक अंतिम रूप से रिपोर्ट तैयार नहीं की गई है और राज्य के अफसरों को इस संदर्भ में कोई जानकारी भी नहीं दी गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशासी अभियंता राजेश पंत ने टीम की ओर से दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किए जाने की पुष्टि की है।
इधर लोनिवि के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि टीम रोड सेफ्टी ऑडिट करने के बाद वापस लौट गई है और अब अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को ही सौंपेगी।