यमकेश्वर:
पौड़ी की 19 साल की अंकिता भंडारी के आरोपी कातिल और BJP-RSS पृष्ठ भूमि के विनोद आर्य के बेटे पुलकित के वनंत्रा Resort आखिर रात को ही CM पुष्कर सिंह धामी के फरमान पर मिट्टी में मिल गया।दिन से ले के रात तक विधानसभा भर्ती घोटाले में फटाफट कार्रवाई में व्यस्त रहे PSD ने पहाड़ की बेटी को अकाल मौत के मुंह में पहुंचा के देवभूमि में उबाल लाने वाले पूर्व दर्जा धारी के बेटे पुलकित के ऋषिकेश स्थित रिजोर्ट पर आधी रात होने के बावजूद बुल्डोजर पहुँच के गरज उठा। ने कहा है की अपराधी या आरोपी के खिलाफ Action में धर्म-नाम-जाति-पार्टी-रसूख की परवाह नहीं की जाएगी’। आज ही उन्होंने सभी अवैध रिजोर्ट के खिलाफ कार्रवाई के भी निर्देश दिए’।
अंकिता वनंत्रा रिजोर्ट में ही रिसेप्शन में थी। खुद पुलकित ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया था कि अंकिता अब इस दुनिया में नहीं है। कुछ दिन पहले ही शराब के नशे में होने के दौरान ऋषिकेश एम्स के करीब चीला में नहर में उसकी डूब के मौत हो चुकी है। उसने ये भी क़ुबूल किया कि झगड़ा होने पर धक्का-मुक्की हो गई थी। उनसे धक्का लगा और वह नहर में जा गिरी जिससे उसकी डूबने से मौत हो गई।
अंकिता की मौत की खबर फैलते ही तेजी से गढ़वाल में खास तौर से प्रदर्शन और गुस्से का माहौल लोगों में पैदा हो गया था। सभी अंकिता को इन्साफ की मांग के साथ ही वनंत्रा को ध्वस्त करने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने रात को ही बुल्डोजर भेज के रिजोर्ट को मटियामेट करने का अभियान शुरू कर दिया।
JCB के पहुँचने और उसके Action में आने में बिल्कुल भी वक्त नहीं लगा। धड़ाधड़ रिजोर्ट की दीवारें टूट के गिरने लगीं। अभी भी Action जारी है। CM ने कहा कि सरकार किसी भी अपराधी को बख्शेगी नहीं। चाहे वह कितना ही रसूख वाला क्यों न हो. कानून सभी के लिए बराबर है, चाहे वह किसी भी पार्टी से वास्ता रखता हो।
पुष्कर इससे पहले राजधानी में भी कुछ रसूख वालों के यहाँ भी बुल्डोजर दौड़ा चुके हैं। रिजोर्ट पर कार्रवाई से पहले उन्होंने प्रदेश के सभी अवैध रिजोर्ट को ठिकाने लगाने के फरमान को जारी किया. रात को ही स्पीकर ऋतु खंडूड़ी के उस प्रस्ताव पर दस्तखत कर विधानसभा के उन 250 अवैध भर्तियों को रद्द कर दिया, जो चोर दरवाजे से घुस आए थे। UKSSSC भर्ती घोटाले में पुष्कर की कार्रवाई देश भर में मिसाल बन चुकी है. ये तब हुआ, जब भर्तियाँ उनकी ही पार्टी की पिछली सरकार में हुई थी. कांग्रेस इस लिए भर्तियों में घोटालों पर अधिक आक्रामक इसी लिए नहीं हो पाई है।