ऋषिकेश अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में आज एक नई क्रांति का का शुभारंभ करते हुए उत्तराखंड के दुर्गम क्षेत्रों में ड्रोन द्वारा दवाइयां व अन्य आवश्यक सैंपल को भेजने का सफल परीक्षण किया गया। गुरुवार को एम्स हेलीपेड में आज एम्स निदेशक डॉक्टर मीनू सिंह ने चिकित्सा के क्षेत्र में ड्रोन द्वारा दवाइयां व अन्य आवश्यक सैंपल को भेजने का पहला सफल परीक्षण किया गया जिसमें उन्होंने एम्स ऋषिकेश से टिहरी बोरडी के लिए 2 किलो दवाइयों का सैंपल भेजा गया। 100 किलोमीटर करीब की इस यात्रा को द्रोण द्वारा मात्र 30 मिनट में दवाइयों के सैंपल भेज कर उत्तराखंड में पहली बार चिकित्सा क्षेत्र का एक नया कीर्तिमान रचा ।
इस अवसर पर एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर मीनू सिंह ने बताया कि उत्तराखंड के दुर्गम पर्वतीय स्थानों पर दवाइयों व अन्य सैंपलो को अब ड्रोन के माध्यम से सुगमता से पहुंचाया जा सकता है। आज इसी कड़ी में ऋषिकेश एम्स देश में स्थित सभी एम्स में से पहला संस्थान है जिसके द्वारा इस तरह की पहल की जा रही है। उन्होने यह भी बताया कि आज के परीक्षण में इस्तेमाल किए गए ड्रोन की क्षमता 6 किलो वजन उठाने की है और यह 100 किलोमीटर तक जा सकता है। इसके अलावा यहां 8 किलो वजन उठाने वाले और 200 किलोमीटर जानें वाले ड्रोन का भी इस्तेमाल होगा जिसका परीक्षण भी जल्द किया जायेगा ।