मुंबई राजभवन में 29 जानी-मानी हस्तियों को Governor के हाथों GP Awards
हिंदी को लोकप्रिय बनाने में बॉलीवुड की है अहम भूमिका:कोश्यारी
वो दौर शायद ही भूल सकते हैं. सतीश शर्मा था तो एक दैनिक अख़बार का रिपोर्टर लेकिन उसमें फिल्म कलाकारों और फिल्मों के लिए प्रेम हमेशा झलकता था. कभी-कभी अपने पिता के हिंदी Weekly में भी हाथ बंटाया करता था.मैं जिस बड़े Daily (अमर उजाला) में था, उसमें भागदौड़ बहुत हुआ करती थी. भले तब न आज की तरह हजारों पत्रकार हुआ करते थे न ही अख़बार.News चैनल्स और Digitals तो ख्वाबों में भी नहीं थे. इने-गिने और शहर भर में पहचाने जाने वाले पत्रकार तब के हुआ करते थे.मैं फिर भी खूब दौड़-धूप करता था.केंद्र और UP के मंत्री हों या फिर बड़े नौकरशाह-सेना के बड़े अफसर (Army Commander से ले के तीनों अंगों के Chief अगर देहरादून आते तो)-Miss India-Top Players-फिल्मों के नए-पुराने Hero-Heoines और यदा-कदा होने वाली शूटिंग को मैं खूब Cover करता था. सतीश की दिलचस्पी फिल्मों की शूटिंग Locations-कलाकारों तक पहुँच पाने की अधिक रहती थी. मेरे साथ रहने से उसका ये काम आसान हो जाया करता था. पत्रकारिता भी शिद्दत से चलती थी उसकी.
फिर उसको एक दिन ख्याल आया कि अंग्रेजी का अखबार क्यों न शुरू किया जाए. Daily Himachal Times-VanGaurd (दो भाषाओँ में छपता था शायद) ही तब English की ख़बरें दिया करते थे. दून दर्पण (Daily) वाले इकबाल वासु (बाली के नाम से अधिक पहचाने जाते हैं) ने भी बाद में Northern Times Daily शुरू किया था.जो अच्छी टीम जोड़ने और अन्य English अख़बारों से अच्छे स्तर का होने के बावजूद आखिर बंद हो गया. GP Weekly ठीक-ठाक चल पडा था. इसके शुरू होने के कुछ वक्त बाद ही उत्तराखंड राज्य बन गया. फिर एक दिन सतीश ने GP को Daily की शक्ल देने का बहुत बड़ा फैसला कर लिया. कुछ पैसा लगाने-मदद करने वाले अच्छे लोग साथ जुड़ गए. मुझे याद है कि ONGC के KDMIPE हाल में इसका पहला अंक उस वक्त के CM नित्यानंद स्वामी ने लोगों के सामने पेश किया था. कारोबार के लिहाज से भी GP ठीक-ठाक दिखता है. रिश्ते बनाने और निभाने में और दुनिया के साथ चलने में सतीश की खासियत अख़बार उद्यमी बनने में खूब काम आ रहा है.
सतीश के लिए इससे अच्छा और क्या हो सकता है कि जिन फिल्म कलाकारों से मिलने-हाथ मिलाने मेरे संग जाया करता था, वे सभी आज उसके दोस्त हैं. कबीर बेदी-अयूब खान-गोगा कपूर की फिल्म `सलामी’ की शूटिंग जब IMA में होती थी तो मेरी Producer-Director शाहरुख़ मिर्जा-टेस मिर्जा और Hero अयूब खान-दोनों नायिकाओं संयुक्ता सिंह और रोशनी जाफरी से खूब अच्छी दोस्ती हो गई थी. फिल्म के अन्य कलाकारों में कबीर और गोगा से हाय-हेलो हो जाया करती थी. सतीश भी मेरे साथ कुछ मौकों पर शूटिंग लोकेशन पर गया.वह कबीर-अयूब आज सतीश के दोस्त हैं. मुझे तो वे भूल चुके होंगे. Garhwal Post ने आज प्रकाशन के 25 साल पूरे कर लिए हैं.
मुंबई के मालाबार हिल्स में स्थित विशाल राजभवन में अख़बार ने अपना Silver Jubilee Celebrate किया और GP Awards बांटे तो कबीर भी मौजूद थे.पहले तकरीबन रोजाना मेल-मुलाकात हुआ करती थी या फिर फोन पर ही दिन में कहीं मिल के Butter Chicken खाने का प्लान बनता था. अब वह और अपन दोनों अपनी-अपनी रोजी-रोटी और अन्य Commitments में बेहद व्यस्त रहते हैं तो मिलना बहुत कम होता है.सतीश के लिए अख़बार खानदानी कारोबार-पत्रकारिता का मिशन है तो फिल्म Acting सबसे बड़ा शौक. सलमान खान के साथ `सुल्तान’ फिल्म में उसको देखा तो मैं ही नहीं उसके अन्य दोस्त और जान-पहचान वाले और पूरे शहर के लोग खुश हुए.
सतीश को लोगों ने तमाम अन्य छोटी-बड़ी फिल्मों और OTT प्लेटफार्म में अभिनय करते देखा है. ये उसका व्यवहार और व्यक्तित्व का कमाल है कि उत्तराखंड के पूर्व CM और आज महाराष्ट्र के Governor भगत सिंह कोश्यारी ने उनको अपने अख़बार का Silver Jubilee और अवार्ड समारोह राज भवन में करने का मौक़ा दिया.सतीश के लिए अवार्ड समारोह में राज्यपाल ने कई अच्छे विशेषणों का इस्तेमाल किया. समारोह में उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी मौजूद थे। कोश्यारी ने अवार्ड लेने वालों में हिंदी फिल्मों के कलाकारों की अधिक संख्या को देखते हुए कहा कि हिंदी फिल्मों ने देश भर में और यहां तक कि विदेशों में भी हिंदी भाषा को लोकप्रिय बनाने में बहुत योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि वह फिल्मों के शौकीन नहीं हैं और न ही नियमित रूप से फिल्में नहीं देखते हैं, लेकिन वह फिल्मों के माध्यम से हो रहे हिंदी के इस प्रचार-प्रसार से खुश हैं। कोश्यारी ने कहा उन्हें नेपाली भाषा का गूढ़ ज्ञान नहीं है.वह हैरान रह गए जब नेपाल के अंदरूनी क्षेत्रों में गए तो लोगों ने उनके साथ आसानी से हिंदी में बात की। इसी प्रकार का अनुभव उन्हें बांग्लादेश में भी हुआ। पूछने पर लोगों ने उन्हें कहा कि वह हिंदी फिल्में देखकर हिंदी बोलना सीख गए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने आम व्यक्ति को आसान पहुंच प्रदान करके राजभवन को लोक भवन में बदलने की कोशिश की है। उत्तराखंड से बहुत सारे लोग उनसे मिलने आते हैं। हर दिन, लोग अपनी समस्याओं के निराकरण की आशा लिए उनके पास आते हैं. उन्होंने सभी की मदद करने की कोशिश की. फिर भी अनेक ऐसे मौके आए जब स्थानीय प्रशासन ने उनकी सिफारिशों पर आवश्यक ध्यान नहीं दिया।
कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सभी अवार्ड विजेता उत्तराखंड में रूचि रखते हैं और प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उत्तराखंड के साथ संबंध बनाए हुए हैं। ये अच्छी बात है.कबीर बेदी ने वर्तमान समय में दैनिक समाचार पत्र के अस्तित्व को बनाए रखना और नियमित रूप से प्रकाशित करने को बड़ी चुनौती करार दिया। कबीर को गढ़वाल पोस्ट लाइफटाइम अवार्ड से सम्मानित किया गया।
लाइफटाइम अवार्ड से सम्मानित होने वाले प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक व कालजयी फिल्म `शोले’ के Director रमेश सिप्पी ने कहा कि जब भी उन्हें किसी सार्वजनिक मंच पर बोलना होता है तो लोग उन्हें हमेशा ‘शोले’ के डायलॉग की याद दिलाने लगते है। उन्होंने कहा उन्होंने बहुत अधिक फिल्में नहीं बनाई हैं. राज्यपाल कोश्यारी के हाथों पुरस्कार प्राप्त कर उन्हें विशेष खुशी हुई है। फिल्म निर्देशक विशाल भारद्वाज ने कहा कि दिवंगत अभिनेता टॉम ऑल्टर के माध्यम से वह उत्तराखंड की ओर आकर्षित हुए। उनका अब मसूरी में एक घर है और वह भविष्य में मुंबई से ज्यादा वहां रहना चाहेंगे।
प्रसिद्ध अभिनेत्री मनीषा कोइराला, निर्देशक तिग्मांशु धूलिया, अनिल शर्मा, विशाल भारद्वाज, हिमानी शिवपुरी, उत्तराखंड के उद्योगपति वीके धवन और पूर्व IAS अफसर संजीव चोपड़ा भी अवार्ड लेने वालों में शामिल रहे। GP अवार्ड्स पाने वालों में हेमंत पांडे, प्रौद्योगिकी उद्यमी राकेश दवे, अभिनेता वरुण बडोला, रंगकर्मी आलोक उल्फत, बौद्ध आध्यात्मिक गुरु शांतम सेठ, वेल्हम बॉयज स्कूल की प्रिंसिपल संगीता कैन, बिल्डर राकेश बट्टा, गायक और अभिनेता सुधांशु पांडे, टीवी अभिनेत्री आशा नेगी, अभिनेता शहजाद खान (दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता अजीत के बेटे), सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश मनसेरा, अभिनेता इश्तियाक खान, फिल्म निर्देशक वरुण गुप्ता, अभिनेत्री शिवांगी जोशी और वकील दीपक कुमार शामिल रहे।
गढ़वाल पोस्ट सिल्वर जुबली अवार्ड्स अभिनेत्री मनीषा कोइराला, अभिनेत्री दिव्या दत्ता, अभिनेता विक्रम मकरंदर, आउटडोर प्रचारक और प्रतिबद्ध सामाजिक कार्यकर्ता योगेश लखानी और ग्लोबल एडवरटाइजिंग एंड मार्केटिंग इन्फ्लुएंसर कॉल्विन जेम्स हैरिस को प्रदान किए गए। सतीश शर्मा ने सभी को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रिया मलिक ने किया। स्वागत भाषण अभिनेत्री श्रुति पंवार ने दिया जबकि धन्यवाद प्रस्ताव अभिनेता चित्राशी रावत ने पेश किया। शानदार और मेहनती कैरियर में कभी हार न मान के लगातार आगे बढ़ने और इस शानदार आयोजन के लिए सतीश को जोरदार बधाई तो बनती है.