देहरादून:
भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की रविवार रात को राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद से मचे घमासान के बीच भाजपा ने आननफानन में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को जैसे ही बाहर का रास्ता दिखाया तो हरक सिंह रावत ने कांग्रेस पार्टी को अपनी पसंद बता डाला, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब इस चुनाव में वो कांग्रेस के लिए काम करेंगे,और कांग्रेस की सरकार बनवाएंगे। उन्होंने कहा है की प्रदेश में कांग्रेस की
इसी बीच एक बड़ी खबर अब आ रही है की हरक सिंह रावत की कांग्रेस में जॉइनिंग के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आ गए हैं। हरीश रावत चाहते हैं कि हरक सिंह रावत की जॉइनिंग कांग्रेस में ना हो। उनका मानना है कि पिछले 5 साल हमने हरक सिंह रावत का पूरा विरोध किया 2016 में जब उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावत की थी तब से लेकर आज तक हमने उनका विरोध किया और उनकी वजह से कांग्रेस पार्टी को कई दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा. साथ ही हरीश रावत का मानना है कि आज स्थिति यह है कि सोशल मीडिया पर हर तरफ लोग हरक सिंह रावत का विरोध कर रहे हैं, लगातार दलबदल पर उनको निशाने पर ले रहे हैं ऐसे में अगर कांग्रेस उन्हे अपनी पार्टी में लेती है तो इसका नुकसान उन्हें विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।
दूसरी तरफ यह भी बताया जा रहा है कि हरीश रावत हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं को पार्टी में लेने के पक्ष में है, उनका कहना है कि अनुप्रति गुसाईं ने अपने क्षेत्र में बहुत मेहनत की है और उन्हें हम पार्टी में शामिल कर सकते हैं। लेकिन हरक सिंह रावत का वह विरोध कर रहे हैं।
इसके साथ ही कई ऐसे बड़े नाम है कांग्रेस के अंदर जो लगातार हरक सिंह रावत की इंट्री को गलत बता रहे हैं. उनका मानना है कि हरक सिंह रावत को हमें पार्टी में फिलहाल नहीं लेना चाहिए इससे आने वाले चुनाव में पार्टी को नुकसान हो सकता है, तो दूसरी तरफ प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और प्रीतम सिंह दोनों चाहते हैं कि हरक सिंह रावत कांग्रेस की सदस्यता दोबारा ले लें. उनका मानना है कि इससे गढ़वाल की सीटों में फर्क पड़ेगा और कांग्रेस को बहुमत मिलेगा।