राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गुरूवार को राजभवन से कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल द्वारा ‘लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तिकरण’ विषय पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम को वर्चुअली सम्बोधित किया। राज्यपाल ने कहा कि भविष्य के भारत में हमारी बेटियों और मातृशक्ति को विकास के हर एक क्षेत्र में बड़ी भूमिका निभानी है। विकसित भारत में नारी शक्ति की ही सबसे बड़ी हिस्सेदारी होगी। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति का नेतृत्व भारत के विकास में महत्वपूर्ण होने वाला है।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि ‘महिलाओं के विकास से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास’ एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जो महिलाओं के समान अधिकारों और अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए है। इस सिद्धांत का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ ही समाज और आर्थिक विकास में उनकी भूमिका को मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि आज नारी शक्ति समानता, महिला सशक्तिकरण, समानता, सुशासन और समृद्धि के केन्द्र बिन्दु के रूप में हमारा नेतृत्व कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारा अमृतकाल का संकल्प ही है कि हमें विश्व अर्थव्यवस्थाओं के साथ एक नेतृत्वकर्ता के रूप में अवसर मिला है। हम शक्ति और समन्वय के साथ दुनिया के साथ कार्य कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष जी-20 की अध्यक्षता भारत कर रहा है। जी-20 का मंच, विश्व के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए, विश्व की आर्थिक स्थिरता को बढ़ाने के लिए, दुनिया की बड़ी अर्थ व्यवस्थाओं को एक साथ लाता है। भारत ने आर्थिक देशों के इस बड़े मंच पर नारी शक्ति को महत्वपूर्ण स्थान दिया है। महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता के मुद्दे को जी-20 में प्राथमिकता दी है। राज्यपाल ने कहा कि यह कार्यशाला भी उसी दिशा में हमारी पूर्व तैयारी है और मातृशक्ति के नेतृत्व के साथ आने वाले विकसित भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होने वाली है। राज्यपाल ने कहा कि मातृशक्ति के बल पर, बेटियों की प्रतिभा के बल पर, हमारे राष्ट्र का भविष्य उज्ज्वल है।