पिथौरागढ़:
उत्तराखंड के पहाड़ो में स्कूल के दिनों से ही छात्र भारतीय नौ सेना में जाने के लिए जी तोड़ मेहनत शुरू कर देते हैं। बीते दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हुए प्रदीप मेहरा इस बात की जीती जागती मिसाल हैं । देवभूमि के युवाओं में देश सेवा का जज्बा कुछ अलग स्तर से नज़र आता है। भारतीय सेना के शीर्ष पदों पर उत्तराखंड के युवाओं ने जगह बनाई है। पिथौरागढ़ के मनोज भट्ट भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट बन गए हैं।
पिता के निधन के बाद घर परिवार को संभालने की पूरी जिम्मेदारी मनोज की मां स्वर्गीय श्रीमती माधवी भट्ट के कंधों पर आ गई थी। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को बाखूबी निभाकर मनोज को अपने हर सपने को पूरा करने के लायक बनाया। मनोज की मां ने गाय का दूध बेचकर अपने तीन बच्चों का भरण-पोषण किया। मनोज ने बहुत छोटी सी उम्र से ही सेना में जाकर देश सेवा करने का सपना देखना शुरू कर दिया था। एक वक्त ऐसा था जब मनोज घर -घर जाकर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगे।
मनोज ने पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान दिया। साल 2007 में बीएससी प्रथम वर्ष के दौरान पिथौरागढ़ के मनोज भट्ट का भारतीय नौसेना में चयन हो गया। ये मनोज की मेहनत ही थी, जिसकी वजह से उन्हें पदोन्नति का फल मिलता चला गया। साल 2020 में मास्टर चीफ (भारतीय सेना के सुबेदार) बनने के साथ ही मनोज विशेष ट्रेनिंग लेकर गोताखोर दस्ते के भी मेंबर बन गए। अब मनोज नौसेना में सब लेफ्टिनेंट बन गए हैं। मनोज नौसेना की ओर से प्रतिवर्ष आयोजित मैराथन दौड़ में भाग लेते हैं। उनकी पत्नी भी एनसीसी की सी सर्टिफिकेट होल्डर कैडेट रही हैं।