एंटोनियो 225 पर यूक्रेन की राजधानी कीव के पास होस्तोमेल हवाई जहाज क्षेत्र में रूस का जबरदस्त हवाई हमला हुआ, जिसमें विश्व का सबसे बड़ा हवाई जहाज मीरिया (सपन) तबाह हो गया। मीरिया सोवियत संघ के दौरान बुरान स्पेस शटल ले जाने के लिए निर्मित किया गया था।
सोवियत संघ के विघटन के बाद जब यह प्रोजेक्ट बंद हो गया तो वर्ष 2000 से यह जहाज कार्गो प्लेन के तौर पर प्रयोग में लाया जाने लगा। विश्व के इस बड़े जहाज ने 21 दिसंबर 1988 को अपनी पहली उड़ान भरी थी । यह 84 मीटर लंबा कार्गो था जिसका ईंधन के बिना वजन 175 टर्न था । इसके सामने रखने के कंपार्टमेंट की लंबाई राइट ब्रदर्स की पहली उड़ान टेकऑफ से लैंडिंग तक की तुलना में लंबी थी। AN-225 बनाने वाले प्रमुख इंजीनियर निकोलाए कलशनिकोफ ने कहा कि उन्होंने यह विमान बनाने में अपनी पूरी जिंदगी लगा दी, साल 2016 में ये जहाज 117 टन का जनरेटर लेकर चेक गणराज्य से ऑस्ट्रेलिया की उड़ान बजरी थी।
13 मई 2016 को ये जहाज भारत के हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी आज चुका है , विश्व के सबसे बड़े हवाई जहाज के तबाह हो से इस जहाज के चाहने वालों में निराशा देखी गई।