देहरादून :
देहरादून जिले के चकराता वन प्रभाग में पेड़ों के अवैध कटान का मामला तूल पकड़ने के बाद अब प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक ने आज पूरे प्रकरण पर जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच में मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल नरेश कुमार की कमेटी में 11 सदस्यीय जांच अधिकारी गठित किये गए है। ये कमेटी एक महीने के अंदर वन मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट सौपेगी।
वन विभाग की ओर से चकराता वन प्रभाग की सभी वन रेजों में जल्द जांच करने पहुंचेगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों चकराता में बड़े पैमाने पर देवदार के हरे पेड़ों पर आरी चलाई गई थी।
ताज्जुब की बात ये रही कि वन विभाग के एक बड़े अधिकारी द्वारा इन पेडों के काटे जाने के बाद , इस प्रकरण की जांच भी उसी वन प्रभाग के अधिकारियों को सोप गई थी, जिस अधिकारी के वन प्रभाग क्षेत्र में ये पेड़ काटे गए थे। जब ये बात खुल कर सामने आई तो वन विभाग की मंशा पर सवाल खड़े होने लाजमी थे।
सूत्रों के मुताबिक जब ये बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक पहुंची तो वन विभाग की घोर लापरवाही और मनसा पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए तुरन्त निष्पक्ष जांच के आदेश दिए। जिसके बाद हरकत में आये वन विभाग के बड़े अधिकारियों में हड़कंप मच गया और जांच कमेटी गठित की गई।
चकराता में हुए पेडों के अवैध कटान के प्रकरण पर मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद प्रमुख वन संरक्षक ने जांच के आदेश दे दिए हैं।मुख्य संरक्षक वन गढ़वाल की देखरेख में इस जांच समिति में वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त हल्द्वानी दीप चंद्र आर्य, वन संरक्षक शिवालिक वृत्त देहरादून राजीव धीमान, प्रभागीय वनाधिकारी हरिद्वार वन प्रभाग नीरज शर्मा, प्रभागीय वनाधिकारी टिहरी वन प्रभाग पुनीत तोमर, उप प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी वन प्रभाग किशोर नौटियाल, वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश देवेंद्र सिंह पुंडीर, वन क्षेत्राधिकारी मसूरी शिव प्रसाद गैरोला, वन क्षेत्राधिकारी टिहरी आशीष डंमिरी और वन क्षेत्राधिकारी शिवपुरी अनिल पैन्यूली को इस जांच कमेटी में रखा गया है।
प्रमुख वन संरक्षक के आदेश में कहा है कि चकराता व टौंस वन प्रभाग के क्षेत्रीय स्टाफ को छोड़कर अन्य क्षेत्रीय स्टाफ को जरूरत के हिसाब से ही जांच में सहयोग के लिए प्रयोग किया जाए।
वही सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल, नरेश कुमार ने जांच समिति में शामिल किए गए सभी जांच अधिकारियों को चार सितंबर को वन मुख्यालय देहरादून में बैठक के लिए बुलाया गया है। मुख्य वन संरक्षक के जारी निर्देश में कहा साफ कहा गया है कि मामले की जांच के लिए वन विभाग की अलग अलग रेंजों में कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू किया जाए। साथ ही चकराता की वन प्रभाग कनासर रेंज अन्य रेंजों के कई हिस्सों में भी पेड़ों के अवैध कटान की आशंका जताई हैं ।