उत्तराखंड में पिछले लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस के अंदर की गुटबाजी है जो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। इस गुटबाजी के चलते कांग्रेस उत्तराखंड में पिछले दो विधानसभा चुनाव हार चुकी है। और हार की सबसे बड़ी वजह प्रदेश कांग्रेस के अंदर चल रही आपसी खींचतान बताई जा रही है। इसके साथ ही कांग्रेस के बड़े नेता सोशल मीडिया पर भी खुलकर एक दूसरे के खिलाफ लगातार विरोध जताते नजर आ रहे हैं। खुद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा की बड़े नेताओं की आपसी बयानबाजी से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है। बड़े नेताओं को बयान देने से बचना चाहिए और दूसरी तरफ कांग्रेस वरिष्ट नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा की हमारा आशिर्वाद करन माहरा को हमेशा है, और जो अच्छी सेना होती है वो दुश्मन से लड़ने से पहले अपने घर पर भी तैयारी करती है। हरीश रावत के इसी बयान पर एक बार फिरसे करन माहरा ने कहा है की हरीश रावत हमारे वरिष्ट नेता हैं। मै उनको आदेश नही दे सकता लेकिन मेरी उनसे आदर के साथ रिकवेस्ट है की बयान वही आए जिससे पार्टी मजबूत हों आज विपक्ष के पास कई सारे मुद्दे हैं हम उन मुद्दों पर हम बातचीत कर सकते हैं। हमारे पास इतना समय होना ही नहीं चाहिए कि हम एक दूसरे की तरफ तोप चलाते रहें। आज सत्ता पक्ष गरीबों का शोषण कर रहा है जिस तरह से भ्रष्टाचार बढ़ रहा है जिस तरह से घोटाले हो रहे ऐसे में हमें इन पर भी अपनी बातें रखनी चाहिए हमारे पास बहुत सारे मुद्दे हैं।