पौड़ी/ रिखणीखाल:
उत्तराखंड राज्य को उत्तर प्रदेश से अलग हुए 22 साल बीत जाने के बाद भी युवा उत्तराखंड मूलभूत सुविधाओं के लिए पहाड़ी जिलों में स्थिति जस की तस बनी हुई है।
पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल में उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं की पोल तब खुली जब घायल बच्ची को लेकर परिजन नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले गए जहा पर हड्डी का डॉक्टर न होने की वजह से अन्य डॉक्टर ने उसके हाथ को एक गतें डब्बे को काट कर उसमें बांध दिया। जब बालिका सुबह स्कूल पहुंची तो उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वयरल होने लगी। जसमे उत्तराखंड के स्वास्थ्य सेवाओं की लोगो सोशल मीडिया पर निंदा करते नज़र आये। जब मामला देहरादून उत्तराखंड स्वास्थ्य महानिदेशालय पहुंचा तो महानिदेशक डॉ सैलजा भट्ट ने सीएमओ पौड़ी गढ़वाल से पूरे मामले की व्यख्या मांगी है।
माला उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर आज भी एक सवाल खड़ा करता है। कि 22 वर्ष बीत जाने के बाद भी प्रदेश में कई लोगो की जान आज भी पहाड़ों की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली के चलते चली जाती है। यही नहीं कई बार तो मरीजों को शहरों का रुख करना पड़ता है।