शहरों में हर जगह फैला हुआ प्लास्टिक का ढ़ेर आज एक मुसीबत बनता जा रहा है। यही प्लास्टिक शहरों से होता हुआ गांव-गांव पहुंच चुका है। जिससे गांव में कचड़े के ढ़ेर देखने को मिल जाते हैं। यही नहीं प्लास्टिक की बढ़ती मांग ने गांव के नदी गदेरों को नाले में तब्दील करना शुरू कर दिया है। जिसके चलते अब उत्तराखंड हाई कोर्ट सख्त होता दिख रहा है।
उत्तराखंड के हाईकोर्ट ने सख्त आदेश जारी करते हुए सभी पहाड़ी जिलों को प्लास्टिक मुक्त करने के निर्देश जारी किए हैं । जिसके बाद हरकत में आई धामी सरकार ने प्रदेश के सभी गांवों के लिए प्लास्टिक मुक्त प्लान तैयार किया है। जिसमें प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट 2013 के अनुसार जो व्यवस्था की गई थी उसका निस्तारण नहीं हो पा रहा था। उत्तराखंड के सभी 13 जिलों को प्लास्टिक मुक्त किए जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। निर्देश में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट 2013 के मध्य नजर हर गांव के लिए एक प्लान तैयार किया गया है। जिसमें प्रदेश की 7791 ग्राम पंचायतों को प्लास्टिक मुक्त किया जाएगा ।
सरकार ने इस पर प्लान तैयार कर, सभी जिलों के जिला अधिकारी व पंचायतों को तुरंत काम करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। धरातल पर काम करने की शुरुवात करते हुए, जहाँ-जहां कूड़ा समस्या बन गया है, उस पर काम शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के लिए केंद्र सरकार कीओर से 15वे वित्त आयोग टाइड निधि में आय की व्यवस्था की गई है।