नई दिल्ली:
यूक्रेन में रूस के आक्रमण के बाद तेल की कीमत सौ डॉलर प्रति बैरल से ऊपर हो गया है, रूस ने पूर्वी यूक्रेन के डॉनबास क्षेत्र में सैन्य कार्रवाई कर दी है,पिछले 7 सालों में यह तेल की सबसे ज्यादा कीमत है, जब तेल के दाम पर इतनी ज्यादा स्तर पर बढ़ोतरी हुई है, तेल की कीमतें इस सप्ताह की शुरुआत में रूस पर प्रतिभा व रूस की गैस पाइपलाइन को ब्लॉक करते ही तेज हो गई थी।
रूस सऊदी अरब के बाद क्रूड ऑयल का सबसे बड़ा दूसरा निर्यात करता है, यह दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस का निर्यातक भी है, ब्रिटेन अपने इस्तेमाल के लिए जो तेल और गैस खरीदता है वह सारा रूस नहीं आता परंतु फिर भी वैश्विक स्तर पर तेल के दाम बढ़ेंगे तो इसका खामियाजा ब्रिटेन ही नहीं लगभग सभी देशों को भुगतना पड़ेगा।
अमेरिका ने बीते बुधवार को रूस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था, उसने नार्ड दो गैस पाइपलाइन से जुड़ी रूसी कंपनियों और उनके कॉरपोरेट अधिकारियों पर पेनल्टी लगाई है।
फिरोज द्वारा यूक्रेन पर हमले की खबर से एशियाई शेयर मार्केट में असर देखने को मिला शेयर मार्केट में दो से तीन फेस दी गिरावट दर्ज की गई है।