तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर लगता हमले बढ़ते ही जा रहें है। जिस कारण से तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों में दहशत का माहौल है, तो वही उनके परिवार को भी उनकी सुरक्षा का डर सता रहा है। ऐसे में अब वे वहां अपना काम छोड़कर गांव लौटना चाहते हैं।
लेकिन, ट्रेनों में टिकट नहीं होने की वजह से स्थिति और खराब होती हुई नजर आ रही है। मजदूरों के अलावा बिहारी छात्रों को भी निशाना बनाया जा रहा है। चुन-चुन कर हिंदी भाषी मजदूरों को निशाना बनाया जा रहा है। त्रिपुर में यह हिंसा शुरू हुई थी जो अब राजधानी चेन्नई तक पहुंच चुकी है। वहां रह रहे मजदूरों के मुताबिक के अब तक इस हमले में लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
वहां फंसे मजदूर लगातार मदद के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से गुहार लगा रहे हैं। एक मजदूर का कहना है कि जान बचाने के लिए उन्हें घर में छुप कर रहना पड़ रहा है। काम करने नहीं जा रहे हैं जिसकी वजह से उन्हें खाने-पीने की भी दिक्कत हो रही है। डर की वजह से कंपनी में एक घंटा पहले या बाद में जाते हैं।
ट्रेन में चढ़ने के लिए लग रही है लंबी लाइन
ट्रेन में चढ़ने के लिए लंबी लाइन लग रही है। वहां पिटाई की वजह से मजदूरों के परिवार वाले भी दहशत में हैं। उन्हें भी अनहोनी का डर लग रहा है। दावा किया जा रहा है कि कई लोगों पर कुल्हाड़ी से हमले किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्हें चाकू भी मारे जा रहे हैं।
दूसरी ओर भाजपा ने इसे अब बड़ा मुद्दा बना लिया है। बिहार भाजपा जबरदस्त तरीके से इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेर रही है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भी यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में हो रहे अत्याचार का हम मुद्दा उठाने वाले थे। हम इपपर चर्चा चाहते थे।
लेकिन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मौजूद नहीं है। कोई मंत्री बोलने को तैयार नहीं है। विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस पर तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि तमिलनाडु में स्थानीय और बाहरी के विवाद में बिहारी श्रमिकों पर हमले और उनकी हत्या की घटनाएं दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है।
मैं बिहार के सभी श्रमिक भाइयों जो उन्मादियों की हिंसा के शिकार हुए हैं उनके प्रति अपनी भावपूर्ण संवेदना व्यक्त करता हूं। उन्होंने लिखा कि तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों व छात्रों पर हमले की घटना दुखद और चिन्ताजनक है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को अविलम्ब पहल कर वहां रह रहे बिहारी मजदूरों व छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित कर हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।