मुम्बई :
बॉलीवुड की द कश्मीर फाइल्स फ़िल्म के बाद द केरला स्टोरी ने जब राजनीतिक मोड़ लिया,तब कई हिन्दू संगठन इस फ़िल्म के पक्ष में उतरे तो कई दलो ने विरोध किया यहां तक कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल में द केरला स्टोरी पर प्रतिबंध लगा दिया । पर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी राय रखी और जम कर इस फ़िल्म को लेकर राजनीति करते नज़र आए।
लगातार विवादों में चल रही इस फ़िल्म को लेकर कई तरह के सवाल भी उठाए जा रहे हैं। जहां एक तरफ फिल्म ओर मेकर्स खुद इस राजनीतिक एजेंडे में घसीटे जाने से परेशान हैं। तो दूसरी तरफ मेकर्स का फ़िल्म को लेकर सत्यता का प्रमाण देना भी समझ से परे हैं।
द केरला स्टोरी को लेकर एक इवेंट किया गया। इस इवेंट के शुरू होते ही इस बात की जानकारी दी गई कि इसमें प्रोड्यूसर डायरेक्टर व स्टारकास्ट समेत केरल राज्य से 26 पीड़ितों को बुलाया गया है । ये वो सब पीड़ित महिलाएं हैं जो कन्वर्जन का शिकार हुई हैं । इन महिलाओं में एक जैसी बात यह रही कि यह एक ही संस्था ( NGO) से आई हुई थी। यह संस्था गैर सरकारी संस्था है , जहां धर्म से परिवर्तित हुई महिलाएं वापस आकर अपने मूल धर्म को फॉलो करती हैं। इन पीड़ित महिलाओं के साथ पत्रकारों को बात करने का बहुत कम समय दिया गया था। क्योंकि इन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद तुरंत केरल के लिए निकलना था। मीडिया से बात करते हुए फ़िल्म प्रोड्यूसर विपुल शाह ने महिलाओं का परिचय देते हुए बताया कि यह सभी स्माल इस्लामिक कन्वर्जन से गुजर पीड़ित महिलाएं हैं और अब काफी वर्षों बाद उन्होंने अपनी घर वापसी की है। सभी 26 महिलाओं में तीन चार को छोड़कर बाकी सभी महिलाओं ने अपना चेहरा कपड़े से ढका हुआ था। विपुल शाह ने बताया कि यह महिलाएं अपने सफ़र और अपने साथ हुए कन्वर्जन की पूरी बाते शेयर करेंगी। इनकी ऐसी कहानियां हैं जो बेशक हमें झंझोर कर रख देगी । विपुल शाह और डायरेक्टर सुदीप्तो सेन ने इन महिलाओं को एक ₹50,000 का चेक भी दिया जो संस्था के नाम पर था। चेक देने के साथ-साथ विपुल ने बाकी लोगों से भी आग्रह करते हुए कहा कि कोई भी चाहे तो संस्थान को डोनेट कर सकता है। साथ ही उन्होंने संस्था को यह वादा भी किया कि वे लगातार ऐसे ही मदद करते रहेंगे। पीड़ित महिलाओं में से श्रुति ने आप बीती सुनानी चाही उन्होंने आपबीती बताने की बजाय अपनी संस्था और सनातन धर्म की बात करना शुरू कर दी है । उनके 10 मिनट के इस बातचीत में श्रुति केवल इतना बता पाने में असमर्थ होती है कि उनकी संस्थान किस तरह से काम कर रही है और सनातन धर्म का प्रचार कैसे होता है। इस बीच उस स्थान का वीडियो क्लिप भी पत्रकारों के बिवाह शेयर किया गया। जब मीडिया ने अभी पीड़ित महिलाओं से सवाल जवाब किया तो पहला सवाल पूछा गया कि क्या आप 26 महिलाओं में से कोई आईएसआईएस ( ISIS ) का शिकार हुई हैं। तो श्रुति ने दिया जवाब नहीं। श्रुति आगे कहती है हम 26 महिलाओं में से कोई भी आईएसआईएस (ISIS) का शिकार नहीं हुई हैं। परन्तु धर्मपरिवर्तन से पीड़ित महिलाओं को ज्याद तर हमारे संस्थान ने संरक्षित किये हुए हैं। वही फ़िल्म प्रोड्यूसर विपुल शाह बोलते हैं कि कई महिलाओं को रेस्क्यू किया गया है । इतना ही नहीं चित्रा नाम की एक पीड़िता ने लिस्ट में कुछ नाम भी पढ़े जिन्होंने पिछले 1 साल में कन्वर्जन कराया गया है। चित्रा ने तो यहां तक दावा कर दिया कि 32,000 से भी ज्यादा संख्या है जिसमें लड़कियां ही नहीं लड़के भी शामिल है।