हर वर्ष २२ मई का दिन अन्तर्राष्ट्र्य जैव विविधता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगो को जैव विविधता संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। माटी संस्था जो पिछले पांच वर्षों से विविधता संरक्षण के लिए काम कर रही है! इस वर्ष भी माटी संस्था ने अन्तर्राष्ट्र्य जैव विविधता दिवस के अवसर पर उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड, उत्तराखंड वन विभाग और अल्पाइन इंस्टिट्यूट के संयुक्त प्रयाश से एक
कार्यशाला का आयोजन किया! जिसमे सिटी फारेस्ट में उपस्थित पेड़-पौधे, जीव-जंतु आदि का संकलन किया गया और जैव विविधता सर्वे करने के वैज्ञानिक तरीके से विद्यार्थिओं व फारेस्ट स्टाफ को अवगत करवाया गया! कार्यक्रम के मुख्य अतिथी श्री एस० एस० रसैली,आईएफएस(अपर प्रमुख वन संरक्षक, वन संरक्षण/नोडल अधिकारी व सदस्य सचिव , उत्तराखंड जैव विविधता बोर्ड) थे ! जिन्होंने बताया गया की किस प्रकार पेड़-पौधे, जीव-जंतु हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते है! जैव विविधता के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती ! कार्यक्रम डॉ. वेद प्रकाश ,सस्थापक व वैज्ञानिक माटी संस्था ने बताया की जैव विविधता हमारी विरासत है जिसको सम्भाल के रखना हम सब की जिम्मेवारी है ! पिछले कुछ वर्षों से इसके संरक्षण के लिए बहुत सारे कदम उठाए गए है ! लेकिन अभी भी हम सब को मिलकर और भी कदम उठाने की जरुरत है जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी को दूसरे कोरोना जैसे महामारी से ना जूझना पड़े ! कार्यक्रम के दौरान डॉ. गजेंद्र सिंह वैज्ञानिक (उत्तराखंड अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (यूएसएसी)) भी उपस्थित रहे जिन्होंने सभी प्रतिभगियों को फारेस्ट सर्वे से जुड़ी वैज्ञानिक तरीकों से अवगत करवाया ! कार्यक्रम को सफल बनाने में माटी संस्था से आवेश ,समीछा , शास्वत , सुनीत, कुशल पाल ने महत्वपूर्ण योगदान दिया!