देहरादून :
उत्तराखंड में लगभग 65% के आसपस वन क्षेत्र है। उत्तराखंड में सड़क से लेकर विकास कार्यों के नाम पर वन क्षेत्रो से पेड़ो के कटान पर भले ही आज उत्तराखंड के पर्यवरण विद खामोश हो या फिर कही नहीं दिखाई दे रहे हो ।
परन्तु उत्तराखंड के एक IFS अधिकारी की संपत्ति की जांच ने आज उत्तराखंड के वन विभाग जैसे मलाई दार विभाग की पोल खोल दी है। उत्तराखंड वन विभाग के IFS अधिकारी पर मुकदमा चलाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने विजलेंस को निर्देश दे दिए है। केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिलते ही इस IFS अधिकारी के भ्रष्टाचार की पोटली अब हाई कोर्ट के समक्ष खोली जाएगी। उत्तराखंड वन विभाग का यह आईएफएस अधिकारी किशन चंद है । जिसके पास आय से अधिक सम्पत्ति के मामले की जांच विजिलेंस कर चुकी है। जांच के बाद विजिलेंस ने आईएफएस किशनचंद की खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली थी। परंतु सरकार से हरी झंडी का इंतजार था जिसके बिना यह मामला केवल फाइलों तक ही सीमित था। आपको बता दें कि आईएफएस स्तर के अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए उसके तैनाती वाले राज्य के साथ ही केन्द्र सरकार से मंजूरी लेनी पड़ती है। विजिलेंस की ओर से मुकदमा चलाए जाने की अनुमति की फाइल शासन के पास थी। उत्तराखंड शासन से अनुमति मिलने के बाद केन्द्र सरकार से औपचारिक अनुमति मिलते ही IFS अधिकारी किशन चंद के खिलाफ अब हाई कोर्ट में विजलेंस द्वारा मुकदमा चलाया जाएगा।